Sujit Bisoyi
कटक अस्पताल (Cuttack hospital) के सामान्य वार्ड में 35 वर्षीय तुलसी हेम्ब्रम डॉक्टरों के सवालों का जवाब देने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनकी पांच साल की बेटी जिसे 21 मार्च को ‘ग्रॉस डिवेलपमेंट डिले’ के साथ भर्ती कराया गया था और वजन बमुश्किल 6 किलो था, वह बिस्तर पर बेसुध पड़ी है। कुछ दिन पहले रविवार को तुलसी के 10 वर्षीय बेटे की घर पर मृत्यु हो गई थी। वहीं डॉक्टर्स अभी तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं कि मौत का कारण क्या हो सकता है।
तुलसी के बेटे की कथित तौर पर ‘कुपोषण’ से मौत हो गई जबकि उसकी बेटी जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। पांच साल की बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बच्चे में ‘द्वितीयक कुपोषण’ है।
वरिष्ठ डॉक्टरों को संदेह है कि पांच साल की बच्ची और उसका भाई, जिनकी इस हफ्ते की शुरुआत में मौत हो गई थी, शायद जन्मजात विकार से पीड़ित थे। अस्पताल के अधीक्षक ज्ञानींद्र नाथ बेहरा ने कहा कि बच्ची इतनी कमजोर है कि वे उसकी स्थिति का पता लगाने के लिए उसके परीक्षण का जोखिम नहीं उठा सकते। ज्ञानींद्र नाथ बेहरा ने कहा, “हमें संदेह है कि यह द्वितीयक कुपोषण का मामला है। 5 साल की उम्र में उनका वजन महज 6.3 किलो है। वह बेहद कमजोर है और उसे कुछ हफ्तों तक निगरानी में रहना होगा। उसकी मां भी उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पा रही है। हम धीरे-धीरे उनका विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वह हमें अपनी बेटी के इतिहास के बारे में बता सकें।”
जाजपुर, जहां पांच साल की बच्ची को पहली बार भर्ती कराया गया था, वहां के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ सिबाशीष महाराणा ने कहा, “हमें संदेह है कि बच्चा सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित था, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टरों को और परीक्षण करने की आवश्यकता है। उसे द्वितीयक कुपोषण है, जो तब उत्पन्न होता है जब एक व्यक्ति को पर्याप्त आहार मिलता है लेकिन चिकित्सा स्थिति के कारण शरीर द्वारा ऊर्जा को पर्याप्त रूप से अवशोषित नहीं किया जाता है।”
द संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए कटक से लगभग 90 किलोमीटर दूर क्रोमाइट से भरपूर जाजपुर जिले के दानागढ़ी ब्लॉक के घाटिसही गांव की निवासी तुलसी ने कहा, “बच्ची जन्म से ही बैठने या चलने में असमर्थ है। वह हर समय फर्श पर पड़ी रहती है। यहां तक कि ठीक से खाना भी नहीं खा पाती है।” तुलसी ने अपने जीवन में पहली बार घर से इतनी दूर की यात्रा की है। तुलसी के बेटे की मौत की खबर जिला प्रशासन तक पहुंचने के बाद वे उसकी पांच साल की बच्ची को जाजपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए गए, जहां से उसे कटक रेफर कर दिया गया।