Gopinathpur Badamba T Bridge: ओडिशा के कटक जिले में शनिवार (14 जनवरी, 2023) को मकर मेले के दौरान हुई भगदड़ में एक शख्स की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। घायलों में चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब मकर मेला के दौरान बड़ी संख्या में लोग बदम्बा-गोपीनाथपुर टी पुल पर जमा हो गए।
बादम्बा-नरसिंहपुर के विधायक और पूर्व मंत्री देबी प्रसाद मिश्रा ने भगदड़ में एक महिला की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि घटना में 45 वर्षीय अंजना स्वैन की मौत हो गई है जबकि चार गंभीर रूप से घायल लोगों को कटक शहर स्थित एससीबी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिश्रा ने बताया कि अन्य घायलों को बादम्बा स्थित सामुदायिक केंद्र में भर्ती किया गया है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतक के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की है। एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘ घायलों का मुफ्त इलाज किया जाएगा और मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
अथागढ़ के उप जिलाधिकारी हेमंत कुमार स्वाइन ने बताया कि घटना मेले में महिलाओं और बच्चों सहित श्रद्धालुओं की अचानक बढ़ी भीड़ की वजह से हुई जो भगवान सिंहनाथ के दर्शन के लिए आए थे। जिला प्रशासन ने बताया कि भीड़ बहुत अधिक थी, क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से दो साल के बाद लोग मंदिर दर्शन करने आए थे। उप जिलाधिकारी ने बताया कि कटक, खुर्दा, पुरी, अंगुल, ढेंकनाल, बौद्ध और नयागढ़ जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
मकर संक्रांति के अवसर पर महानदी के बीच स्थित सिंहनाथ मंदिर को जोड़ने वाले पुल पर भारी भीड़ थी। जब भक्त पुल के किनारे बातचीत कर रहे थे कि उसी वक्त अचानक भगदड़ मच गई। पुल पर भीड़ के कारण एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पाने के कारण घायलों को मोटरसाइकिल पर बदांबा अस्पताल ले जाया गया।
बदांबा अस्पताल से आ रही खबरों के मुताबिक अभी भी कुछ लोग अस्पताल के बेड पर बेहोश पड़े हैं और कुछ को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। इस बीच, कम से कम 3 मरीजों को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर किया गया है।
20 दिसंबर, 2021 को सीएम नवीन पटनायक ने पुल का किया था उद्घाटन
3.4 किमी लंबे इस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 20 दिसंबर, 2021 को किया था। मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क भी है। यह भी कहा जा रहा है कि भक्तों ने मंदिर तक पहुंचने के लिए पुल का सहारा लिया, क्योंकि यह सबसे छोटा मार्ग था।
हालांकि यह उम्मीद की जा रही थी कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर आएंगे, लेकिन इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन भारी भीड़ के कारण पुल पर मंडरा रहे खतरे का पता लगाने में पूरी तरह विफल रहा। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने मंदिर में भक्तों की इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं की थी, जिसके लिए उन्होंने इसे एक आम मेला माना। अगर प्रशासन ने पुल पर भीड़ को सीमित करने के लिए कदम उठाए होते और भक्तों को पुराने रास्ते से जाने के लिए कहा होता तो यह हादसा नहीं होता।
कटक ग्रामीण के अतिरिक्त एसपी रंजीत प्रस्टी ने कहा, ‘मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या उम्मीद से परे थी। हालांकि पुल पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हमने तीन प्लाटून पुलिस बल तैनात किया है। उप मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अथागढ़ अधिकारियों के साथ भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।