शादी समारोह में बंदिशों से परिवारों में ऊहापोह
देव उठानी एकादशी के साथ ही शादी समारोह की शुरुआत भी हो गई है। पर दिल्ली सरकार ने 200 अतिथि के बदले अब सिर्फ 50 अतिथियों को शादी समारोह में शामिल होने की बंदिशें लगाने के बाद परिवारों में एक बार फिर ऊहापोह की स्थिति है।

दिल्ली सरकार के एसडीएम, डीडीएमए और दिल्ली पुलिस ने कोरोना की वजह से इस नियम को सख्ती से पालन करने के लिए टीमें गठित कर विवाह स्थलों पर दबिश देने का अभियान शुरू कर दिया है।
मयूर विहार फेज-तीन में रहने वाले एलआइसी के अधिकारी ताजजबर सिंह रावत की बेटी रुचि रावत की सात दिसंबर को शादी तय है। निमंत्रण पत्र रिश्तेदारों के बीच डिजिटली बांट दिए हैं, लेकिन सरकार के इस फैसले से परिवार पशोपेश में फंसा हुआ है। रावत कहते हैं कि गाजियाबाद के वैशाली में सामुदायिक केंद्र बुक किया था। वहां भी अतिथियों की संख्या 100 निर्धारित है लिहाजा कुछ सोच नहीं पा रहा हूं।
बंदिशों से धंधा चौपट आॅल इंडिया टेंट डीलर्स वेलफेयर आॅर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय चेयरमैन अनिल कुमार आजाद कहते हैं कि कोरोना ने हमें जितना मारा अब सरकार की इस बंदिशों से हम लोगों का धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है। हमारे सामने भूखों रहने की स्थिति आ गई है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल सिंघल और महासचिव करतार सिंह कोचर का कहना है कि दिल्ली में 10 लाख लोग टेंट कारोबार से जुड़े हुए हैं। इसमें मजदूर भी शामिल हैं। इनके रोजगार की भी दिक्कत आ गई है।
‘उल्लंघन पर होगी कार्रवाई’ बुधवार को शुरू शादी की धूम और दिल्ली सरकार के 200 से 50 अतिथियों की बंदिश पर पुलिस ने भी सख्ती बरतते हुए अपनी टीमें तैनात कर लोगों से यह सुनिश्चित करने कहा है कि कोरोना को देखते हुए सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करें। पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में भीड़ भरी जगहों सामुदायिक केंद्रों, होटलों और अन्य समारोह स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम के साथ अगर कहीं से शिकायत मिलती है तो वह कानून के मुताबिक उन परिवारों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो सरकार के दिए गए निर्देश का उल्लंघन करते पाए जाएंगे।
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