प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 21 तारीख से शुरू होने वाली अपनी तीन दिवसीय मलेशिया यात्रा के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और कारोबारी संबंधों को बढ़ाने पर खास ध्यान देंगे। मलेशिया में होने जा रहे शक्तिशाली क्षेत्रीय संगठन आसियान-भारत और पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में उनकी ओर से इन विषयों को जोरदार ढंग से रखे जाने की उम्मीद है।
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्विपक्षीय सहयोग के तहत मलेशिया के शीर्ष नेतृत्व के साथ रक्षा और सुरक्षा सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे और अपने सामरिक संबंधों को नए स्तर तक ले जाने का प्रयास करेंगे। दोनों देशों के बीच कई सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है। दसवें पूर्वी एशियाई शिखर बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई चर्चा का मुख्य मुद्दा हो सकता है और प्रधानमंत्री की ओर से इस वैश्विक बुराई को शिकस्त देने के एकजुट प्रयासों पर जोर देने की संभावना है। पेरिस में हाल में हुए एक बड़े आतंकी हमले ने विश्व को झकझोर कर रख दिया है।
आसियान को दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रहे क्षेत्रों में गिना जाता है और दोनों पक्ष आर्थिक सहयोग को और आगे व नए क्षेत्रों में बढ़ाने पर विचार करेंगे। इनमें समुद्री सुरक्षा, अवैध मादक पदार्थ का व्यापार और साइबर अपराध शामिल हैं। आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है जबकि भारत इसका छठा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। दोनों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 2570 अरब डालर है। 21 नवंबर को मोदी 13वीं आसियान भारत शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे और उसके अगले दिन पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) अनिल वाधवा ने बताया कि अपारंपरिक सुरक्षा खतरों के बढ़ने के मद्देनजर आसियान और भारत-आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और मल्लका जलडमरुमध्य के इर्द-गिर्द समुद्री डकैती जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। दक्षिण चीन सागर में हाल में अमेरिका युद्धपोत के जाने से वहां पैदा तनाव के बारे में पूछे जाने पर वाधवा ने कहा कि भारत इसमें किसी का पक्ष नहीं ले रहा है और उसका मानना है कि क्षेत्र में किसी भी विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि आचार संहिता घोषणा को तेजी से लागू किया जाए और इस बारे में आसियान और चीन के बीच दस्तावेजों को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए। भारत और आसियान देश कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर भी चर्चा कर सकते हैं। भारत-म्यामां-थाईलैंड के बीच हाल ही में मोटर वाहन समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और आसियान भारत समुद्री परिवहन समझौते पर बातचीत जारी है। इस शिखर सम्मेलन में सात बयान और घोषणाओं को अपनाए जाने की संभावना है। इसमें समग्र क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी वार्ता पर भी एक बयान जारी हो सकता है। इससे भारतीय कारोबार के लिए नया द्वार खुलेगा।