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जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए परिसर में जोर-शोर से प्रचार चल रहा है। इसी कड़ी में सभी की नजरें बुधवार की रात को होने वाली अध्यक्षीय परिचर्चा पर लगी हैं। रात 10 बजे शुरू होने वाली इस परिचर्चा में अध्यक्ष पद पर लड़ने वाले उम्मीदवार अपने मुद्दे विद्यार्थियों के सामने रखते हैं। इसके बाद एक-एक करके प्रत्याशियों से बाकी उम्मीदवार सवाल पूछते हैं। अंत में आम छात्रों की ओर से आए सवाल भी उम्मीदवारों से पूछे जाते हैं। इस बार का चुनाव परिसर की समस्याओं, फीस बढ़ोतरी और छात्रवृत्ति के मुद्दों पर लड़ा जाएगा और इन्हीं मुद्दों के अध्यक्षीय परिचर्चा में छाए रहने की संभावना है।
इस बार चार छात्र संगठन आइसा, डीएसएफ, एसएफआइ और एआइएसएफ मिलकर वाम एकता के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। वाम एकता की ओर से अध्यक्ष पद के लिए आइसा के एन सार्इं बालाजी को उतारा गया है। बालाजी का कहना है कि जेएनयू में कुछ सालों से विद्यार्थियों के हितों को दबाने की कोशिश हो रही है। हम उसके खिलाफ संघर्ष करेंगे। जेएनयू को स्वायत्तता दी गई है जो छात्र विरोधी कदम है। इससे फीस कुछ सौ रुपयों से लाखों रुपयों में पहुंच जाएगी। हम इन्हीं मुद्दों को अध्यक्षीय परिचर्चा में मुख्य रूप से उठाएंगे।
एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ललित पांडेय का कहना है कि वाम संगठन अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर तो बात करते हैं, लेकिन परिसर में आम छात्रों की समस्याओं पर वे हमेशा मौन रहते हैं। इसलिए हम इस बार आम विद्यार्थियों को होने वाली परेशानियों के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा हम छात्रावासों की बढ़ी हुई फीस को कम कराने और इंटरनेट की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की प्रशासन से मांग करेंगे। इसके अलावा एबीवीपी चाहता है कि परिसर में विद्यार्थियों के लिए चौबीस घंटे ढाबे खुलने चाहिए। इसके अलावा ढाबे के खाने की गुणवत्ता को बेहतर करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। ललित ने कहा कि अध्यक्षीय परिचर्चा में आम विद्यार्थियों से जुड़े मुद्दों को उठाया जाएगा।
एनएसयूआइ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास यादव के मुताबिक जेएनयू के सामाजिक विज्ञान संस्थान और भाषा संस्थान में प्लेसमेंट की सबसे अधिक जरूरत है। इन संस्थानों के विद्यार्थियों को प्लेसमेंट सेल नहीं होने की वजह से बहुत परेशान होना पड़ता है। इसके अलावा परिसर से मेट्रो तक पहुंचना बड़ी समस्या है। इसके अलावा शोधार्थियों की छात्रवृति को बढ़ाने का मुद्दा भी बहुत अहम है। विकास का कहना है कि हम आरक्षित वर्ग की सीटों की बहाली का मुद्दे पर अध्यक्षीय परिचर्चा में बात करेंगे। इसके अलावा जेएनयू छात्र संघ कार्यालय की ओर से छात्रों के हितों के लिए कोई काम नहीं किया गया है। इस पर भी बात की जाएगी। छात्र राजद की ओर से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाले जयंत कुमार का कहना है कि वे परिचर्चा में सीट कटौती के मुद्दे को उठाएंगे। वहीं, बापसा के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी थालापल्ली प्रवीण का कहना है कि परिसर को दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों ही तरह के छात्र संगठनों ने नुकसान पहुंचाया है। इस बात को वह परिचर्चा में प्रमुख रूप से उठाएंगे।