जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने दिल्ली में पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हम किसके बारे में बात कर रहे हैं, पीएम कहते हैं कि मेरी मां को गाली दिया, मेरे बाप को गाली दिया। क्या यही पीएम का लेवल है? मैंने कभी अपने पिता और माता का अपनी बातों में इस्तेमाल नहीं किया। उन्हें देश का पीएम होने के नाते बड़ा सोचना चाहिए। नेहरू ने इस देश के लिए क्या योगदान दिया, यह भूलने के लिए भाषा की गुणवत्ता खत्म होती जा रही है। इंदिरा गांधी ने इस देश को क्या दिया, उसने अपना जीवन दिया। राजीव गांधी और अन्य प्रधानमंत्रियों ने क्या इस देश को बनाने के लिए अपना पूरा समय नहीं दिया? अगर हम यहां बैठे हैं तो यह उन्हीं की बदौलत हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझसे कहा था कि जब उन्होंने अपना पहला भाषण दिया, नेहरू उनके पास गए और कहा- अटल, आप एक दिन इस देश के प्रधानमंत्री बनोगे। जबकि अटल RSS बैकग्राउंड वाले थे, उनको पता था कि यह देश एक से नहीं बन सकता। इस देश को अतीत में जिन्होंने भी बनाया है, उन्हें भूलाया नहीं जा सकता। जिस मुद्दे पर मैं कांग्रेस के खिलाफ हूं वह यह कि अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न तब देना चाहिए था जब वह स्वस्थ और जिन्दा थे। फारूक अब्दुल्ला ने यह बातें मनीष तिवारी की पुस्तक ”फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स’ के विमोचन के मौके पर कहीं। इस दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी मौजूद थे।
But what we are talking about? Meri maa ko gaali diya, mere baap ko gaali diya. Is that the level of the PM? I have never used my father and my mother in my language. As PM of this nation, he has to think in a bigger way: Farooq Abdullah in Delhi (26.11.2018) https://t.co/dfLOYxbuUd
— ANI (@ANI) November 27, 2018
AB Vajpayee told me that when he made his 1st speech, Nehru went to him&said ‘Atal you’ll be the PM of this nation one day.’He coming from RSS background, realised that this nation can’t be built by one but by all&those who built this in past can’t be forgotten: F Abdullah(26.11) pic.twitter.com/eMU2Veqaaf
— ANI (@ANI) November 27, 2018
आईएनएस के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला ने मुंबई आतंकी हमले की 10 वीं बरसी पर घटना में मारे गए लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखने के बाद कहा कि जब तक लोगों में एकता है तब तक कोई भारत को बांट नहीं सकता। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह आशावादी हैं और उनको उम्मीद है कि भारत भविष्य में ऐसे आतंकी हमले को रोकने में सक्षम होगा। लेकिन उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारा घर संगठित होना चाहिए।