दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश महिला आयोग के कर्मचारियों को करें भुगतान, उपराज्यपाल को दें जानकारी
इससे पहले पिछले साल 22 दिसंबर को 62 कर्मचारियों को इसी तरह की राहत दी गई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्लू) को निर्देश दिया कि उसके 35 कर्मचारियों को 50 फीसद वेतन बकाया दिया जाए और उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना उसके द्वारा नियुक्त कर्मियों का ब्योरा उपलब्ध कराया जाए। यह आदेश ऐसे दिन आया जब डीसीडब्लू प्रमुख स्वाति मालीवाल को आयोग की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के एक मामले में आरोपी के रूप में तलब किया गया और निचली अदालत ने भ्रष्टाचार रोधी शाखा को आगे जांच करने और अपराध में उनके सहयोगियों की पहचान करने का निर्देश दिया। कई विधि सलाहकारों, सहयोगी स्टाफ और एक मनोविज्ञानी सहित डीसीडब्लू के 35 कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के निर्देश से पहले उन्हें उस याचिका में शामिल करने का अनुरोध किया गया जिसमें वेतन के भुगतान की मांग की गई।
इससे पहले पिछले साल 22 दिसंबर को 62 कर्मचारियों को इसी तरह की राहत दी गई थी। जब उपराज्यपाल की ओर से पेश केंद्र सरकार के वकील अनुराग आहलुवालिया ने कहा कि यह पता करने के लिए रिकार्ड के सत्यापन की जरूरत है कि इन लोगों की पहली बार नियुक्ति कहां हुई थी। इसके बाद न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने आयोग से इन कर्मचारियों से जुड़े संबंधित दस्तावेज मुहैया कराने के लिए कहा। बाइस दिसंबर का आदेश कर्मचारियों की उस याचिका पर आया जिसमें डीसीडब्लू को सितंबर 2016 से नहीं दिए गए वेतन का वितरण करने का निर्देश दिया गया था।
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