16 दिसंबर निर्भया गैंगरेप: आरोपियों की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट करेगी फिर से सुनवाई
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में 23 साल की पैरोमेडिक छात्रा पर छह व्यक्तियों ने नृशंस हमला किया था और उससे सामूहिक बलात्कार किया था।

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में उच्चतम न्यायालय ने सुक्रवार (3 फरवरी) को कहा कि वह 16 दिसंबर, 2012 के सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार अभियुक्तों को मृत्युदंड सुनाये जाने की पहलू पर फिर से सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने न्यायमित्र के रूप में उसका सहयोग कर रहे वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन की इस दलील से प्रथम दृष्टया सहमति व्यक्त की कि इस मामले में निचली अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनाने के संबंध में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधान का सही मायने में पालन नहीं किया।
यह कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 235 कहती है कि दोषसिद्धि की स्थिति में निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाये जाने से पहले प्रत्येक आरोपी को सजा के सवाल पर व्यक्तिगत रूप से सुना जाये। न्यायमूर्ति मिश्रा, न्यायमूर्ति बी बानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने इस त्रुटि को सुधारने के तरीकों पर विचार किया तथा कहा कि उसके दो तरीके हैं: सजा पर नये आदेश के वास्ते इस मामले को निचली अदालत में भेजा जाए या फिर शीर्ष अदालत मामले के इस पहलु की खुद ही सुनवाई करे।
पीठ ने कहा कि हम सोचते हैं कि दूसरा तरीका ज्यादा उपयुक्त है। हमें आरोपियों को अपने पक्ष की स्थितियों का जिक्र करते हुए दस्तावेजों के साथ हलफनामा पेश करने का मौका देना चाहेंगे। उसके बाद पीठ ने अभियुक्तों के वकीलों एम एल शर्मा और ए पी सिंह को तिहाड़ जेल में अपने मुवक्किलों को आज (शुक्रवार, 3 फरवरी) के आदेश से अवगत कराने के लिए उनके पास जाने को कहा ताकि वे अपने पक्ष में स्थितियों का ब्योरा देते हुए हलफनामा दे सकें। न्यायालय ने कहा कि अभियुक्तों को 23 फरवरी को हलफनामा दाखिल करने की जरूरत है। उसने इस मामले में उनकी दोषसिद्धि के अहम मुद्दे पर अपीलों पर सुनवाई जारी रखने का फैसला किया।
शीर्ष अदालत सजा के विषय पर फिर से दलीलें सुनने के लिए अगली तारीख छह फरवरी को तय करेगी। दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में 23 साल की पैरोमेडिक छात्रा पर छह व्यक्तियों ने नृशंस हमला किया था और उससे सामूहिक बलात्कार किया था। इन छह व्यक्तियों ने उसे उसके दोस्त के साथ चलती बस से फेंक दिया था। पीड़िता ने 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। निचली अदालत ने मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया था। पांचवें एवं अहम आरोपी रामसिंह ने सुनवाई के दौरान जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी।