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‘नेल्सन मंडेला भी कभी मोस्ट वांटेड थे’… जब अतीक अहमद ने कहा था- एक पैर संसद दूसरा जेल में यानी अभी आउटडेटेड नहीं हुआ हूं

अतीक अहमद कहता है कि जो आदमी पांच बार विधायक रहा हो, फूलपुर जैसी लोकसभा सीट से सांसद रहा हो, उसके पीछे ताकतें तो लगेंगी ही।

atiq ahmed| uttar pradesh|
माफिया डॉन अतीक अहमद (Source- Indian Express)

माफिया डॉन अतीक अहमद (Mafia Don Atiq Ahmed) की शनिवार को हत्या हो गई। यूपी पुलिस की टीम उसे मेडिकल के लिए लेकर गई थी लेकिन इसी दौरान अशरफ और अतीक पर तीन हमलावरों ने गोली चला दी। इस हमले में अतीक और अशरफ की हत्या हो गई। वहीं अतीक का एक इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें वह खुद की तुलना नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) से कर रहा है।

अतीक अहमद ने सालों पहले आजतक समाचार चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें रिपोर्टर ने अतीक अहमद से पूछा कि अतीक भाई यह कहना गलत होगा कि आप विख्यात नहीं कुख्यात नेता हैं? इसके जवाब में अतीक ने कहा, “कुख्यात इसलिए क्योंकि अच्छे पॉलिटिशियन हैं। जिसका दायरा बड़ा हो वो कुख्यात कहलाएगा। जिसका दायरा सीमित हो छोटा नेता कहलाएगा।”

रिपोर्टर आगे पूछता है कि आपको समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) संसद भेजना चाहती है लेकिन आप उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड में दुराचारी नंबर 49A हैं। इसके जवाब में अतीक कहता है, “अभी एक बहुत बड़े नेता नेल्सन मंडेला का निधन हो गया। 27 साल वह जेल में थे। किसी समय में वह मोस्ट वांटेड भी थे। जो आदमी पांच बार विधायक रहा हो, निर्दलीय विधायक रहा हो। फूलपुर जैसी लोकसभा सीट से सांसद रहा हो। जाहिर सी बात है उसके पीछे ताकतें तो लगेंगी ही।”

अतीक अहमद आगे कहता है, “मैं नेल्सन मंडेला का सिर्फ उदाहरण दे रहा हूं, क्योंकि सारा सर्टिफिकेट तो मीडिया देती है। नेल्सन मंडेला का इतिहास आपने पढ़ा होगा। 27 साल तक वह जेल में थे और उसके बाद वहां (अफ्रीका) के इतने महान व्यक्ति बने और देश के प्रथम नागरिक बने।”

रिपोर्टर अतीक अहमद से पूछता है कि नेल्सन मंडेला के और आपके मुकदमों में फर्क है। आपके खिलाफ राजू पाल हत्याकांड मामले में मुकदमा है, गेस्ट हाउस कांड में मुकदमा है, आपको डर नहीं लगता कि आप सांसद बन जाएंगे तो एक पांव जेल में दूसरा संसद में होगा। इसके जवाब में अतीक अहमद कहता है, “एक पांव जेल में और एक संसद में, इसका मतलब यह हुआ कि आपका राजनीतिक सफर अच्छा चल रहा है। अभी आप आउटडेटेड नहीं हुए हैं। दूसरी बात एक दिन में 123 मुकदमे कायम किए गए और हाईकोर्ट ने सारी एफआईआर खारिज कर दी। इसका क्या मतलब हुआ? सियासत में रहेंगे तो मुकदमे तो होंगे ही। सियासत में रहेंगे तो अभी और मुक़दमे लगेंगे। आप गिनती काहे कर रहे हैं, अभी और मुकदमे लगेंगे।”

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First published on: 28-03-2023 at 08:41 IST
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