Sharad Pawar Meets Nitin Gadkari: एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार (1 अप्रैल, 2023) को नागपुर में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने किसी राजनीतिक चर्चा से साफ इनकार किया। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है, जब संभाजीनगर में रामनवमी की हिंसा के मद्देनजर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
केंद्रीय मंत्री के करीबी सहयोगी द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि पवार विदर्भ क्षेत्र में वसंतदादा चीनी संस्थान की एक उप-शाखा स्थापित करने के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने आए थे। इस क्षेत्र में गन्ना किसानों की मदद के लिए परियोजना शुरू की जा रही थी। राकांपा ने यह भी संकेत दिया कि दोनों नेताओं ने विकास के मुद्दों पर चर्चा की थी। विदर्भ के दो दिवसीय दौरे पर आए पवार के साथ राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री दिलीप वाल्से-पाटिल भी थे।
बैठक में नहीं मौजूद थे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
हालांकि, शरद पवार और नितिन गडकरी की बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद नहीं थे, क्योंकि वो नागपुर में थे। भाजपा नेता के कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, “फडणवीस की सुबह से अन्य बैठकें थीं। चूंकि पवार-गडकरी की बैठक चीनी संस्थान के बारे में थी, इसलिए उपमुख्यमंत्री के इसमें शामिल होने का कोई कारण नहीं था।” पवार ने वसंतदादा चीनी संस्थान की उप-शाखा के लिए चिन्हित 100 एकड़ भूमि का भी दौरा किया।
MVA की रैली से पहले दोनों नेताओं की हुई मुलाकात
पवार-गडकरी की यह मुलाकात विपक्षी महा विकास अघाड़ी की संभाजीनगर में रविवार की रैली से पहले भी हुई है। रामनवमी समारोह के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों के मद्देनजर संभाजीनगर में भारी पुलिस बल तैनात है, लेकिन कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के बाद एमवीए की पहली रैली आयोजित करने के लिए तैयार है।
नागपुर आने पर गडकरी नेताओं इन पार्टी नेताओं की करते हैं मेजबानी
एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा, ‘हालांकि चीनी संस्थान मुख्य एजेंडा था, अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पवार और गडकरी ने अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की होगी। पवार और गडकरी अक्सर मिलते हैं। हाल के दिनों में वे दिल्ली और पुणे में मिले थे। गडकरी अक्सर एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और मनसे सहित विपक्षी नेताओं के नागपुर आने पर दोपहर के भोजन के लिए उनकी मेजबानी करते थे।