नवजोत सिंह सिद्धू के पटियाला सेंट्रल जेल से रिहा होने की चर्चा के बीछ कांग्रेस में काफी सुगबुगाहट है। कांग्रेस नेता की रिहाई के बाद मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा के खेमे की ओर काफी दिलचस्पी से देखा जा रहा है। क्योंकि उनकी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच संबंध काफी बेहतर नहीं रहे हैं। अमरिंदर सिंह खेमा सिद्धू की स्वागत पार्टी पर भी नजर रखेगा।
नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाई गई थी और मई में रिहा होना था लेकिन उनके “अच्छे व्यवहार” के कारण उन्हें जल्दी रिहा किया जा रहा है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा अन्य लोगों के साथ शुक्रवार को जेल में सिद्धू से मुलाक़ात की है। उन्हें रिहाई की बधाई देने पहुंचे लोगों में कांग्रेस अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला, वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री लाल सिंह, और पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी, सुखविंदर डैनी और सुनील दुती सहित अन्य शामिल थे।
क्यों परेशान हो सकती है कांग्रेस
कांग्रेस की आधिकारिक इकाई के घबराए होने के कई कारण हैं। पार्टी ने अपने नेता राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ चल रहे ‘संविधान बचाओ अभियान’ के तहत शनिवार को पटियाला में एक मार्च की योजना बनाई है। गौरतलब है कि पटियाला सिद्धू का अपना बेस और होम टाउन है। हो सकता है कि वह रिहाई के बाद पटियाला ही जाएंगे। पार्टी इकाई को डर है कि उनके ऐसे वक़्त में यहां आने से व पूरी सुर्खियां बटोर लेंगे।
गुटबाजी का असर
नवजोत सिंह सिद्धू के जेल जाने के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा बनाए गए थे। इस फैसले को लेकर सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी का संकेत दिया था। सिद्धू ने जेल में उनसे मिलने के लिए कथित तौर इनकार कर दिया था। सिद्धू को हमेशा मौजूदा कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ देखा गया है।
सिद्धू और पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के बीच खुली लड़ाई के बाद पार्टी में बड़ी गुटबाजी देखी गयी थी। इसका असर यह हुआ कि 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने एक करारी हार का सामना किया था।