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Punjab: ‘क्रांति का नाम राहुल गांधी’, पटियाला जेल से रिहाई के बाद बोले नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई मई में होनी थी लेकिन उनके अच्छे व्यवहार के चलते उन्हे 48 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया।

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पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Source- ANI)

पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार (1 अप्रैल) को पटियाला जेल से रिहा हो गए हैं। वह रोड-रेज के एक मामले में 10 महीने से जेल में बंद थे। जेल से रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि क्रांति का नाम है राहुल गांधी। जेल के बाहर सिद्धू के समर्थकों की भीड़ नजर आई। ढोल-नगाड़ों से उनका स्वागत किया गया।

देश में जब भी तानाशाही आई है क्रांति भी आई है- नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, “इस देश में जब भी कोई तानाशाही आई है, एक क्रांति भी आई है और इस बार उस क्रांति का नाम है राहुल गांधी। वह सरकार को हिला देंगे।” पटियाला जेल से रिहा होने के तुरंत बाद सिद्धू ने कहा कि अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धू ने कहा, “संविधान को मैं अपना ग्रंथ मानता हूं, तानाशाह हो रहा है। जो संस्थाएं संविधान की ताकत ती वही संस्थाएं आज गुलाम बन गई हैं। मैं घबराता नहीं हूं, मैं मौत से डरता नहीं हूं क्योंकि मैं जो करता हूं वो पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए कर रहा हूं।”

नवजोत सिंह सिद्धू ने भगवंत मान को कहा अखबारी मुख्यमंत्री

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी रिहाई पर कहा कि मुझे दोपहर के आसपास रिहा किया जाना था लेकिन उन्होंने इसमें देरी की। वे चाहते थे कि मीडिया के लोग चले जाएं। ये सरकार सच सुनना नहीं चाहती है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी अखबारी मुख्यमंत्री करार दिया। सिद्धू ने कहा, “आज तक 323 के केस में कोई एक हफ्ता भी जेल में नहीं रहा। पर मैं जेल गया क्योंकि मेरा संविधान मेरा ग्रंथ है और इस संविधान को मेरे पूर्वजों ने बनाया है।”

सजा के दौरान सिद्धू ने नहीं ली थी एक भी छुट्टी

सजा के लिहाज से नवजोत सिंह सिद्धू को 18 मई 2023 तक उन्हें जेल में रहना पड़ता लेकिन जेल के नियमों के अनुसार कैदियों को हर महीने 4 दिन की छुट्टी दी जाती है। जानकारों के मुताबिक नशा तस्करी और अन्य संगीन अपराधों में बंद कैदियों को छोड़कर बाकी सभी को जेल में मिले उनके काम में प्रदर्शन और आचरण के आधार पर एक महीने में चार से पांच दिन की छूट दी जाती है। इसके अलावा कुछ सरकारी छुट्टियों का भी लाभ कैदी को मिलता है। सजा के दौरान सिद्धू ने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली, जिसकी वजह से उन्हें समय से पहले रिहा कर दिया गया।

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First published on: 01-04-2023 at 18:28 IST
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