राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम ने कहा, “राष्ट्रीय महिला आयोग, महिला स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है। वूमन स्टार्टअप इंडिया के तहत हम महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे अन्य दूसरी महिलाओं पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा।”
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बात करते हुए ललिता कुमारमंगलम ने माना कि महिलाओं की स्थिति पहले से बेहतर हुई है लेकिन अभी बहुत गुंजाइश है काम करने की। उन्होंने कहा: “देश की महिलाओं को बिजनेस में और ज्यादा भागीदारी बढ़ानी होगी। देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए महिलाओं को सामने आना होगा और इसमें खुद को शामिल करना होगा। अगर ऐसा होने लगेगा तो निश्चित तौर पर अलग पांच साल में देश में महिलाओं की स्थिति एकदम अलग होगी।“
ललिता कुमारमंगलम ने ‘शक्ति’ कार्यक्रम में शिरकत करते हुए ये माना कि महिलाएं हमेशा से खूब मेहनत करने वाली होती हैं। घर से लेकर बाहर तक महिलाएं आसानी से तालमेल बनाते हुए काम कर सकती हैं। बस होता यह है कि महिलाएं अपने बारे में बताती नहीं हैं।
कुमारमंगलम ने साफ-साफ कहा: “हम महिलाओं को अपने बारे में दुनिया को बताना होगा। खुद को लेकर आवाज़ उठाने की सख्त ज़रूरत है। अगर महिलाएं ऐसा करने लगेंगी तो उन्हें बिजनेस के लिए पैसे भी मिलने लगेंगे। ज़रूरत है कि महिलाएं सरकारी कार्यक्रम के बारे जानें। उन योजनाओं का इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है इसके बारे में जानें। आज की तारीख में अवसर की कमी नहीं है।”
ज़रूरी नहीं है कि महिलाएं ऑफिस खोलकर ही अपना स्टार्टअप करें। वो घर से भी काम कर सकती हैं। घर से काम करने वाली महिला स्टार्टअप की संख्या अभी बहुत ज्यादा नहीं है। ललिता कुमारमंगलम ने अपने वक्तव्य में कहा: “राष्ट्रीय महिला आयोग का काम है महिलाओं को समर्थन देना है। उनपर हो रहे जुल्म को खत्म करना तो हमारा बुनियादी काम है ही पर अब उसी की अगली कड़ी है स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया में पूरी तरह से भागीदारी निभाना।”
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैंडअप इंडिया के तहत महिलाओं को और सशक्त करने के बारे में बात की थी।