गुजरात: छात्रों का आरोप- 4 साल से कर रहे लाइब्रेरी की मांग, हम मुस्लिम हैं इसलिए हो रहा भेदभाव
गुजरात के अहमदाबाद स्थित दाणीलीमड़ा में मुसलमान छात्रों ने स्थानीय प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि चार साल से लाइब्रेरी की मांग करने के बावजूद उनकी मांग को अभी तक पूरा नहीं किया गया है।

अहमदाबाद के दाणीलीमड़ा क्षेत्र में छात्रों का आरोप है कि उनकी मांग को लेकर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। छात्रों का कहना है कि इलाके में कोई पुस्तकालय न होने के चलते पठन-पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इसीलिए बीते चार साल से एक पुस्तकालय बनवाने की अर्जी देते आ रहे हैं लेकिन उनका आरोप है कि प्रशासन इस संबंध में कार्रवाई करने की बजाय उनके ही साथ भेदभाव कर रहा है।
भेदभाव का आरोप: दाणीलीमड़ा क्षेत्र के चार पार्षदों ने अहमदाबाद नगर निगम को ज्ञापन लिखकर एक पब्लिक लाइब्रेरी की मांग चार साल पहले की थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर छात्रों ने प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाया।
काफी दूर जाना पड़ता है: दाणीलीमड़ा के पार्षद शहजाद पठान ने इस मामले के बारे में बात करते हुए बताया कि “मौजूदा वक़्त में यहाँ कोई लाइब्रेरी न होने के कारण छात्रों को आश्रम रोड स्थित एमजे लाइब्रेरी जाना पड़ता है जो बहुत दूर है और इसमें उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है’, उन्होंने बताया “दो साल पहले यहाँ आंबेडकर हॉल के ऊपर एक लाइब्रेरी ज़रूर बनी, लेकिन कुछ कारणों से उसका लोकार्पण अभी तक नहीं हुआ है”।
शासन कर रह है भेदभाव : दाणीलीमड़ा के एक स्थानीय छात्र ज़हीर सैय्यद ने कहा “घर में ज्यादा जगह ना होने के चलते हमारे पास प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए कोई जगह नहीं जहाँ हम पढ़ सकें, आखिर दो साल पहले बन चुकी एक लाइब्रेरी का लोकार्पण क्यों नहीं हुआ? आम लोगों के लिए इसे क्यों नहीं खोला गया? ये सरासर भेदभाव है !” ज़हीर ने आगे बताया कि इस लैबेरी के न खुलने के चलते हमें 7 से 8 किलोमीटर दूर एमजे लाइब्रेरी जाना पड़ता है जहाँ पढने के लिए जाने वाली लड़कियां देर तक रुक नहीं सकती।
नहीं मिली रैली करने की परमिशन : दाणीलीमड़ा में भेदभाव का आरोप लगाते हुए नगर निगम को अपने ज्ञापन में मुसलमान छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इस संबंध में लाइब्रेरी की मांग का ज्ञापन दिया। इस संबंध में छात्रों को रैली करने से भी पुलिस ने यह कहकर रोक दिया कि उन्होंने इसके लिए प्रशासन से कोई परमिशन नहीं ली थी।
दूर जाकर भी खाली हाथ लौटना पड़ता है : इलाके के एक और पार्षद ने इस संबंध में बात करते हुए बताया कि ‘एमजे लाइब्रेरी’ जहाँ इस इलाके के ज़्यादातर छात्र पढने जाते हैं वहां भी कई बार बैठने के लिए जगह भी नहीं बचती यही कहकर कई छात्रों को लौटा दिया जाता है।