नूपुर शर्मा की टिप्पणी मामले पर मुस्लिम स्कॉलर रिज़वान अहमद ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि हिन्दू समाज एक मंच पर नहीं है। इसके जवाब में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि मैं धर्म की ठेकेदार नहीं हूं।
रिज़वान अहमद ने एक निजी टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान कहा कि कोई नेशनल एजेंसी क्या कर लेगी, अगर हिंदू थोड़ा और जाग जाएगा। उन्होंने कहा कि नूपुर की बात आई तो एक सुर में सभी मुसलमानों ने उसकी निंदा की। मैंने भी नूपुर के बोलने के तरीके पर निंदा की, लेकिन नूपुर को रहमानी ने भड़काया था।
मुस्लिम स्कॉलर ने कहा कि टीवी डिबेट में सपा, कांग्रेस समेत बहुत से ऐसे हिंदू आए, जिनकी ये कहने की हिम्मत नहीं है कि नूपुर शर्मा को रहमानी ने उकसाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि नूपुर को उकसाया गया। उन्होंने कहा कि वो किसी पार्टी के हिंदू हों, बुद्धजीवी हिंदू हों, लेकिन उनमें ये आज भी कहने की हिम्मत नहीं है।
रिजवान ने कहा कि जब हिंदू समाज एक मंच पर नहीं है। जब धर्म और आस्था के मामले में आपके घर में ही ऐसे भेदी हैं, जो आपकी आस्था को ढा रहे हैं। तो बेचारा रिजवान क्या करेगा। उन्होंने कहा कि अभी डिबेट शुरू हुई है, अभी देख लेते हैं, कांग्रेस के प्रवक्ता यहां बैठे हैं। वो क्या ये बात अपने मुंह से बोलेंगे कि नूपुर को रहमानी ने भड़काया। अभी इस बात की पुष्टि हो जाएगी। कांग्रेस प्रवक्ता से पूछ लीजिएगा।
मुस्लिम स्कॉलर रिज़वान अहमद के सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि मैं हिंदू हूं, मैं साफ कह रही हूं। अगर कोई मेरे धर्म पर उंगली उठाएगा, मेरे भगवान का अपमान करेगा तो मुझे बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दूसरे का भी खुदा-भगवान के साथ उसकी भी उतनी ही भावनाएं जुड़ी हुई हैं। अगर मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती तो वो भी नहीं करेगा। इसलिए ये पहल हमें नहीं करनी। ये पहले भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने राष्ट्रीय चैनल से की। उन्होंने कहा कि एक सत्ताधारी, राष्ट्रीय प्रवक्ता और अलका लांबा के बयानों में जिम्मेदारी होनी चाहिए। आग लगाने का काम नूपुर शर्मा के बयान ने किया है।