Cow Slaughter: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इन पुलिसकर्मियों में तीन सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। इन सभी पर एक पचास वर्षीय किसान की हत्या का आरोप है। मृतक पर पुलिस ने गौ हत्या का आरोप लगाया था। मृतक की पत्नी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वो सभी आरोपियों की गिरफ्तारी तक चैन से नहीं बैठेंगी।
जीशान हैदर नकवी की मौत सितंबर 2021 में हुई थी। उनकी पत्नी अफरोज नकवी ने इंडियन एक्सप्रेस कहा, “हमें इस लड़ाई में जीत मिली है लेकिन जब तक मेरे पति को इंसाफ नहीं मिल जाता है तब तक संघर्ष जारी रहेगा। इन पुलिसकर्मियों ने मेरे तीन बच्चों को अनाथ किया है। इन्हें सलाखों के पीछे होना चाहिए। जबतक इन सभी को गिरफ्तार नहीं किया जाता मैं चैन से नहीं बैठूंगी।”
सहारनपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) अनिल कुमार द्वारा FIR दर्ज करने के आदेश दिए जाने के दो दिन बाद 12 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि इन पुलिसकर्मियों पर हत्या और आपराधिक साजिश से संबंधित IPC की धाराएं लगाई गई हैं।
5 सितंबर 2021 को हुई थी जीशान की हत्या!
जीशान सहारनपुर के थेटकी गांव में 40 बीघा जमीन के मालिक थे। वह समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री सैय्यद इसा रजा के चचेरे भाई थे। 5 सितंबर 2021 को पुलिस रेड में उनके पैर में गोली लगी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
जीशान के परिवार का कहना है कि उन्हें घर से ले जाकर मारा गया था जबकि पुलिस का कहना है कि वो थेटकी गांव के पास जंगल में गौ हत्या की गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई कर रही थी । जीशान हैदर नकवी घटना स्थल पर मौजूद थे। उनके पास एक देशी कट्टा था, वहां से भागते समय उन्होंने गलती से खुद को गोली मार ली।
तब पुलिस ने दावा किया कि उन्हें घटना स्थल से मरी हुई गाय और जानवर को काटने वाले उपकरण भी बरामद किए थे। नकवी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई जबकि 5 अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
7 सितंबर 2021 को हुई शिकायत
जीशान हैदर की हत्या के बाद उनकी पत्नी अफरोज ने 7 सितंबर 2021 को SSP ऑफिस में शिकायत दर्ज करवाई। अफरोज ने शिकायत में कहा, “मेरे पति घर पर थे जब पुलिस उन्हें पास के एक खेत में ले गई और उन्हें मार डाला। मैं अपने पति के हत्यारों के लिए न्याय चाहती हूं।”
जब अफरोज की शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित कई जगह शिकायत की। 22 फरवरी को अफरोज ने आखिरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद लखनऊ बेंच ने सहारनपुर अदालत को मामले को जल्दी निपटाने का निर्देश दिया।
किस-किस पर हत्या का आरोप?
- सब-इंस्पेक्टर यशपाल सिंह, असगर अली व ओमवीर सिंह
- हेड कांस्टेबल सुखपाल सिंह
- कांस्टेबल भरत सिंह, विपिन कुमार, प्रमोद कुमार, राजवीर सिंह (अब सेवानिवृत्त), नीतू यादव, देवेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त), बृजेश (सेवानिवृत्त) व अंकित
ब्रेन हैमरेज के शिकार हुए सुखपाल सिंह
सहारनपुर अदालत द्वारा FIR दर्ज करने का आदेश दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद गोपाली पुलिस चौकी में तैनात 53 वर्षीय हेड कांस्टेबल सुखपाल सिंह को ब्रेन हैमरेज हो गया। उन्हें एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। देवबंद कोतवाली के इंचार्ज हृदय नारायण सिंह ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफf FIR हुई है, जब हम उनकी वर्तमान पोस्टिंग की जानकारी जमा कर लेंगे तो हम कार्रवाई शुरू कर पाएंगे।