मतदाता अपने मतदाता कार्ड और पर्चियों के साथ मतदान केंद्रों के बाहर घूमते नजर आए। इसका असर उत्तर पूर्व दिल्ली संसदीय क्षेत्र के कई बड़े बूथ पर देखने को मिला। इस वजह से मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए।
चार सौ से अधिक वोट कटे शिकायत दर्ज कराएंगे : मतदान के लिए यमुना विहार पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने बताया कि मतदाताओं के सूची से गायब है। ऐसे मामले में उन्होंने सुभाष मोहल्ले से शिकायत मिली है। उन्होंने बताया कि यहां करीब चार सौ लोगों के नाम नहीं है और इस मामले में जल्द ही चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराएंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने साजिश के तहत क्षेत्र में वोट कटवाएं हैं और जहां जहां पर भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत है। उन जगहों इसी प्रकार वोट काटने की शिकायतें सामने आ रही है।मतदान नहीं कर पाए मतदाता : वार्ड-82 के सर्वोदय बाल विद्यालय मतदान केंद संख्या 118 के मतदाताओं की सूची चुनाव अधिकारी भूल गए, इसके चलते मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित रहे।
आप विधायक विशेष रवि ने वार्ड 82 बूथ संख्या 118 में दोबारा चुनाव कराने की मांग की और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा कि सूची और निगम चुनाव ऐप के अनुसार यहां कुल 668 मतदाताओं को अपना वोट डालना था। आप नेता ने कहा कि मतदान केंद्र 2 पर मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया।
शिकायतें रहीं अनसुनी
उत्तर पूर्व दिल्ली संसदीय क्षेत्र में रोहताश नगर विधानसभा क्षेत्र के अंदर ऐसे कई मतदाता केंद्रों के बाहर पर्ची के साथ घूमते नजर आए। मतदाता प्रमोद कुमार ने बताया कि वे अशोक नगर वार्ड से मतदाता हैं और हर बार लगातार मतदान करते हैं। बावजूद इसके उनका नाम मतदाता सूची से बाहर है। इसके अतिरिक्त मतदान के केंद्र के बाहर कई अन्य मतदाता भी नजर आए, जो कि इस आयोग की सूची से बाहर था।
हालांकि इन मतदाताओं ने बूथ पर तैनात अधिकारियों का अपनी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश भी की थी। इसके बाद जब उनकी समस्या का कोई निदान नहीं हुआ तो मतदाता वापस चले गए।आयोग के अधिकारियों के मुताबिक आयोग मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव से पहले सभी केंद्र पर मतदाता सूची को रखता है और नाम, जोड़ना, हटाना और उसे जांचना इस प्रक्रिया का हिस्सा होता है। मतदाताओं को भी जागरूक रहकर इस प्रक्रिया से जुड़ना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का नाम भी नहीं
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की शिकायत कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली राज्य चुनाव आयोग में कराई। कुमार रविवार को मतदान नहीं कर सके। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के सचिव बंश राज से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। बंश राज ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि आपकी शिकायत मुख्य चुनाव आयोग में भेजेंगे और मामले में कार्रवाई की जाएगी। मामले के प्रकाश में आने के बाद राज्य चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि निर्वाचक नामावलियों को तैयार करना और उसमें कुछ जोड़ना, हटाना केवल दिल्ली के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईओ) कार्यालय द्वारा किया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार रविवार को सुबह जब डल्लूपुरा, लकड़ी मार्केट के राजकीय सर्वोदय कन्या बाल विद्यालय में अपना वोट डालने गए तो वोटर लिस्ट में नाम नहीं पाकर चौंक गए। जब यह पुख्ता हो गया कि उनका नाम मतदाता सूची से गायब है तो फिर प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश संचार विभाग के प्रमुख अनिल भारद्वाज के साथ बूथ कमेटी के अध्यक्ष राजेश गर्ग, कानूनी एवं मानव अधिकार विभाग के अध्यक्ष अधिवक्ता सुनील कुमार, अधिवक्ता एवी शुक्ला, साजिद चौधरी, अधिवक्ता नागेश्वर कुम्हार और पंकज मेहता के साथ चुनाव आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई।
भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार एक पूर्व विधायक एवं निगम पार्षद है, उनका नाम कोंडली विधानसभा के कोंडली वार्ड नंबर-193 की मतदाता सूची से हटाया नहीं दिखाया गया है, लेकिन विशेष तौर पर हटा हुआ है। जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का नाम दिल्ली की मतदाता सूची से हटाया जा सकता है तो दिल्ली के अन्य नागरिकों के साथ क्या हो रहा होगा। यह आश्चर्य की बात है कि अनिल कुमार की पत्नी शशी बाला का नाम सूची में है, परंतु अनिल कुमार का नहीं है। दिल्ली कांग्रेस नगर निगम चुनाव चुनाव लड़ रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवारों का नाम मतदाता सूची में नहीं होने की कई शिकायतें पहले भी कर चुकी है।
कटेवड़ा गांव के लोगों ने निगम चुनाव का बहिष्कार किया
नई दिल्ली : बवाना विधानसभा क्षेत्र में स्थित कटेवड़ा गांव के निवासियों ने रविवार को हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव का बहिष्कार किया। गांव में तकरीबन 3000 मतदाता हैं। ग्रामीण सुनील वत्स ने शनिवार को बताया कि पिछले 15 साल से गांव की मुख्य तीन सड़कें पूरी तरह से जर्जर हालत में है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय और उपराज्यपाल कार्यालय में 200 से अधिक बार कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। सुनील ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि श्मशान घाट में टिनशेड तक नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों एक शख्स का अंतिम संस्कार बारिश के दौरान प्लास्टिक का इस्तेमाल करके किया गया। इसका वीडियो भी चर्चा में आया था, लेकिन सरकार तब भी आंखे मूंदे रही।
जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों ने चुनाव से 15 दिनों पहले पहली बार महापंचायत की थी और सभी 36 बिरादरी के लोगों ने निर्णय लिया कि इस बार निगम चुनाव में मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ग्रामीण ने कहा कि वाजीतपुर, जटखुर्द और कुतुबगढ़ की ओर से आने वाले मुख्य मार्ग खस्ता हालत में हैं, जिससे आए दिन लोगों को खासी दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों की समस्या का कोई सुध लेने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी दल के नेता प्रचार करने के लिए गांव में आए थे और उन्हें अवगत करा दिया गया था कि इस बार मतदान का बहिष्कार करेंगे।
पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि कटेवड़ा गांव के लोगों ने यहां की मुख्य सड़कों की जर्जर हालत के मद्देनजर विरोध में मतदान नहीं किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली देहात के एक गांव में चुनाव का बहिष्कार सरकारों को चेतावनी भर है। सोलंकी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के आवास तक पर भूख हड़ताल की, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखी।