UP News: उत्तर प्रदेश के एक प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर ने कथित तौर पर आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। इसमें वह फूट-फूट कर रो रहे थे और कह रहे थे कि वह चुनाव संबंधी अपने कर्तव्यों का पालन करने में असफल रहे। उन्होंने माफी मांगी और अपनी मां से बच्चों का ध्यान रखने का आग्रह किया।

एसआईआर बीएलओ सर्वेश सिंह रविवार सुबह मुरादाबाद के बहेरी इलाके में अपने आवास पर लटके पाए गए। उनकी मृत्यु के बाद सोशल मीडिया पर सामने आए 2 मिनट 40 सेकंड के वीडियो क्लिप में सर्वेश रोते हुए कहते दिख रहे हैं, “मम्मी मेरे परिवार, मेरे बच्चों का ख्याल रखना। मेरी छोटी-छोटी चार लड़कियां हैं। माफ करना। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। मेरे परिवार को कुछ नहीं कहना। मैं इस काम को सही तरीके से नहीं समझ आया।” वह अपनी पत्नी बबली से भी माफी मांगता है।

मेरे पति एसआईआर के काम की वजह से दवाब में थे- बबली

इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए, बबली ने आरोप लगाया, “यह वीडियो इस बात की पुष्टि करता है कि मेरे पति एसआईआर के काम के कारण बेहद दबाव में थे और इसी तनाव ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। हमें नहीं पता कि उन्होंने यह क्लिप कब रिकॉर्ड की जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हमें यह वीडियो उनके फोन की जांच के दौरान मिला। उन्होंने कभी किसी को अपना फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी, क्योंकि वे अपना सारा सरकारी काम इसी से करते थे।”

पुलिस में नहीं दर्ज कराई कोई शिकायत

उन्होंने आगे बताया कि परिवार ने इस घटना के बारे में पुलिस या प्रशासन में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। बबली ने कहा, “प्रशासन ने मुझे नौकरी की पेशकश की थी, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैं पढ़ी-लिखी हूं और मेरे पति हेडमास्टर थे, तो मुझे Class IV की नौकरी क्यों दी जाए।” गृहिणी होने के नाते उन्होंने बताया कि उन्होंने पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है और उनके पास बीएड की डिग्री भी है।

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पुलिस ने पहले कहा था कि उन्होंने घर से एक नोट बरामद किया है। इसे कथित तौर पर सर्वेश द्वारा लिखा गया था। इसमें उसने कहा था कि उचित मार्गदर्शन के अभाव में वह समय पर एसआईआर से संबंधित लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाने के कारण तनाव में था।

पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?

एक पुलिस अधिकारी ने कथित सुसाइड नोट का हवाला देते हुए कहा, “वह बेहद परेशान महसूस कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनकी चार बेटियों में से दो की तबियत खराब है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।” अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया।

उनके परिवार के अनुसार, मुरादाबाद के रहने वाले सर्वेश 2010 में सरकारी सेवा में शामिल हुए थे। लगभग आठ साल पहले उनका रामपुर से मुरादाबाद तबादला हुआ था और तब से वे वहीं तैनात थे। वह अपनी पत्नी, अपनी चार बेटियों और अपनी मां सोमवती देवी के साथ रहते थे। सर्वेश के पिता राजेंद्र सिंह का कई साल पहले निधन हो गया था। उनके छोटे भाई प्रमोद कुमार उत्तराखंड में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं।

घर आने वाला हर व्यक्ति हमें भरोसा दे रहा- प्रमोद

प्रमोद ने कहा, “घर आने वाला हर व्यक्ति हमें भरोसा दिला रहा है कि वे सर्वेश के परिवार, खासकर उसकी चार बेटियों के लिए कुछ न कुछ करेंगे। लेकिन कोई भी ठोस मदद के लिए आगे नहीं आया।” उन्होंने कहा कि सर्वेश की मृत्यु उनके परिवार के लिए अब तक की सबसे बड़ी क्षति है।

इस चुनावी काम ने मेरे बेटे की जान ले ली- सोमवती

सोमवती ने कहा, “इस चुनावी काम ने मेरे बेटे की जान ले ली। लेकिन जो भी हुआ हो, हम अपनी जिंदगी फिर से बनाने की कोशिश करेंगे।” सर्वेश के भतीजे संदीप कुमार ने कहा कि हालांकि परिवार ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई है, लेकिन मामले की परिस्थितियां अधिकारियों और सभी संबंधित लोगों को अच्छी तरह से पता हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बारे में पूछे जाने पर एएसपी कुंवर आकाश सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है और जांच की जाएगी। मुरादाबाद के जिला मजिस्ट्रेट अनुज सिंह ने पहले एक वीडियो बयान में कहा था कि सर्वेश अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा रहे हैं और उन्होंने आवश्यक एसआईआर गणना फॉर्मों का लगभग 67% डिजिटलीकरण पूरा कर लिया है और बाकी काम पूरा करने के करीब है।

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