Patra Chawl land scam case: शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाले में मुंबई की कोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें जमानत दे दी है। मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद उन्हें राहत देते हुए जमानत दी। संजय राउत एक अगस्त से गिरफ्तार किए गए थे। राउत पर पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप है। मुंबई के गोरेगांव में चॉल के पुनर्विकास से संबंधित 1034 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं से उनकी पत्नी और अन्य सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेन देन के मामले सामने आए थे।
एक अगस्त 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना सांसद को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। राउत पर मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। इसके पहले 31 जुलाई को ईडी ने संजय राउत के घर सहित उनके कई ठिकानों पर छापा मारा था। इस छापेमारी में संजय राउत के घर से ED को 11. 50 लाख रुपए नकद बरामद हुए थे।
जानिए क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के 47 एकड़ में फैला हुआ रेजिडेंशियल एरिया है जहां लगभग 672 परिवार किराए पर रहते हैं। साल 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने एचडीआईएल की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को इस चॉल के लिए एक पुनर्विकास का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने की बात तय हुई थी। वहीं ईडी के मुताबिक बीते 14 सालों के दौरान एक भी किराएदार को कोई फ्लैट नहीं मिला। कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास के लिए कोई काम नहीं किया बल्कि उसने 1,034 करोड़ रुपये में यह जमीन पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स को बेच दी।
संजय राउत हैं भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबियों पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबियों में से एक और शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। शिवसेना सांसद पर ईडी ने पात्रा चॉल में बड़े पैमाने पर लेन-देन का आरोप लगाया है। पात्रा चॉल को लेकर उनकी जगह बने नए फ्लैट को लेकर गड़बड़ियां सामने आई हैं।