‘कमलनाथ की सरकार गिराने का केंद्र से मिला था आदेश’, सीएम शिवराज सिंह चौहान का कथित ऑडियो हो रहा वायरल
ऑडियो क्लिप में सीएम शिवराज को कथित तौर पर हिंदी में कहते हुए सुना गया है कि 'केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए, नहीं तो ये सबकुछ बर्बाद कर देगी।'

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार भाजपा के केंद्रीय नेताओं द्वारा गिराई गई थी। प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर ये बात कहते हुए सुना गया है। ऑडियो मध्य प्रदेश में तेजी से वायरल हो रहा है। जनसत्ता ऑनलाइन किसी भी तरह से वायरल ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑडियो क्लिप में सीएम शिवराज को कथित तौर पर हिंदी में कहते हुए सुना गया है कि ‘केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए, नहीं तो ये सबकुछ बर्बाद कर देगी। मुझे बताओं कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी? कोई तरीका नहीं था।’ सीएम शिवराज इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। बीते मंगलवार को उन्होंने क्षेत्र का दौरा किया था।
ऑडियो क्लिप में जिस ‘तुलसी सिलावट’ का नाम लिया गया वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार और कांग्रेस के पूर्व मंत्री हैं जो उनके साथ भाजपा में शामिल हुए थे। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक कांग्रेस छोड़ दी। उनके पिता माधवराव सिंधिया इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के खासे करीबी थे। ज्योतिरादित्य और उनके करीबी विधायकों के कांग्रेस छोड़ने के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस छोड़ने से पहले सिंधिया करीब 19 सालों तक पार्टी में रहे थे।
इधर कथित ऑडियो क्लिप के वायरल होने पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही कांग्रेस के आरोपों को नकारती रही जबकि सभी ने देखा कि जो विधायक बेंगलुरु में बंधक बनाए गए, उनके साथ भाजपा नेता भी मौजूद थे। उनकी तस्वीरें भी सामने आईं मगर कल कल तो प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने खुद इंदौर के रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर कांग्रेस के उन आरोपों पर मोहर लगा दी है।
उन्होंने कहा कि अब पुष्टि हो गई है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस साजिश और षड्यंत्र का हिस्सा था। जानबूझकर कांग्रेस सरकार को गिराया गया। कमलनाथ सरकार गिराने में सिंधिया की इसलिए मदद ली गई क्योंकि उनके बगैर सरकार नहीं गिर सकती थी। कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं था। सरकार के पास पूर्ण बहुमत था।
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