असम के 17 ज़िलों में बाढ़ का प्रकोप, 4 लाख लोगों के सामने भोजन-पानी का संकट
पूर्वोत्तर राज्य असम बाढ़ का प्रकोप झेल रहा है। राज्य के 27 में 17 जिले में चार लाख से अधिक लोग इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं।

पूर्वोत्तर के राज्य असम में बाढ़ से स्थिति खराब होती जा रहा है। राज्य के 23 में से 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण राज्य के 4.23 लाख लोगों प्रभावित हैं। इन लोगों के सामने भोजन-पानी का संकट पैदा हो गया है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार राज्य के गोलाघाट, धीमाजी और कामरुप जिले में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। इससे पहले बाढ़ के कारण राज्य के 11 जिले प्रभावित थे। बाद में बाढ़ का असर 6 अन्य जिलों में भी फैल गया। बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिलों में धीमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, दरांग, बारपेटा, नलबारी, चिरांग, गोलाघाट, मजुली, जोरहाट और डिब्रूगढ़ शामिल हैं।
राज्य का बारपेटा बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां 85,262 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके बाद धीमाजी में 80 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। एएसडीएमए का कहना है कि 41 राजस्व मंडल के 749 गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। यहां 1843 लोगों को 53 राहत शिविरों में ले जाया गया है।
Assam: Water level of Brahmaputra river flowing through Guwahati crosses warning level. V Gandhiya, Section Officer, Inland Waterways Authority says, “Water has crossed warning level, it is still not at the danger level. In 1-2 days, it can cross danger level here too,” (11.7.19) pic.twitter.com/G7Z2XOtMfF
— ANI (@ANI) July 11, 2019
राज्य प्रशासन की तरफ से लोगों को राहत सामग्री वितरित की जा रही है। राज्य में बाढ़ का पानी असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में भी घुस गया है। राज्य में ब्रह्मपुत्र, दिक्हाउ, धनसारी, पुथीमारी और बेकी समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये प्रभावित जिलों के उपायुक्त और विभिन्न सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने अफसरों को पूरी तरह से सतर्क रहने और स्थिति से तत्काल प्रभावी ढ़ंग से निपटने को कहा। अधिकारियों ने बताया कि उपायुक्तों को निर्देश दिया कि 24 घंटे नियंत्रण कक्ष को सक्रिय किया जाए। इससे बाढ़ के कारण आपात स्थिति का सामना कर रहे लोगों को तुरंत मदद मुहैया कराई जा सके। प्रदेश के जिलों में करीब 2.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
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