जानकारी के मुताबिक, पुलिस को डासना देवी मंदिर से पेपर कटर मिले हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं के जरिए साधू पर हमला किया गया। मंदिर परिसर के सीसीटीवी बंद पाए गए हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर के बाहर तैनात रहने वाली पुलिस को घटना के 15 मिनट बाद इसकी जानकारी अंदर मौजूद किसी शख्स ने दी।
इस घटना पर गाजियाबाद पुलिस के एसपी ग्रामीण का बयान भी आया। उन्होंने बताया, “आज रात लगभग 3.30-3.45 बजे की घटना है। नरेश आनंद जी हैं, जो कि डासना मंदिर में रुके हुए थे। वे समस्तीपुर बिहार से आए हुए थे किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने। वो बाहर सोए हुए थे, खुले में। इस दौरान कोई व्यक्ति आया और उन पर कई वार किए। अभी उनकी स्थिति ठीक है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज कराया जा रहा है। इस मामले में आरोपी कोई जानकार या आसपास का व्यक्ति भी हो सकता है।”
दो महीने पहले भी नरसिंहानंद ने कही थी जान के खतरे की बात: बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मंदिर परिसर में किसी साधु पर हमला हुआ है। दो महीने पहले ही मंदिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद ने दावा किया था कि दो संदिग्ध युवक खुद को हिंदू बताते हुए मंदिर में घुस आए थे। लेकिन सेवादारों ने शक होने पर उन्हें दबोच लिया। तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से सर्जिकल ब्लेड बरामद होने से सनसनी फैल गई। मंदिर महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने आरोपियों को खुद की हत्या के लिए भेजे हुए आतंकवादी बताया। पुलिस ने बाद में दोनों को हिरासत में ले लिया था।