एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले का दलित समुदायों की तरफ से विरोध किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब सवर्णों ने भी जातिगत आरक्षण का विरोध करना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सवर्ण समुदाय के कुछ लोगों ने जाति के आधार पर की गई आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करते हुए इसे आर्थिक आधार पर देने की मांग की है। भारतीय सवर्ण महासभा के सदस्यों ने विरोध का बहुत ही अनोखा तरीका अपनाया है। महासभा के लोगों जातिगत आरक्षण के विरोध में सिर मुंडवा लिया है। इन लोगों की मांग है कि सरकार आर्थिक स्थिति को देखकर आरक्षण दे न कि जाति के आधार पर।
इस सवर्ण महासभा के बैनर तले करीब आधा दर्जन व्यक्तियों ने अपना सिर मुंडवा लिया है। महासभा के अध्यक्ष संजीव उपाध्याय का कहना है कि उन्हें इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि कुछ लोगों को आरक्षण दिया जा रहा है, वह चाहते हैं कि जो सवर्ण गरीब हैं उन्हें भी आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज में भी बहुत से गरीब लोग हैं, जिन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्हें भी अच्छी जिंदगी जीने का हक है। उनके लिए ही सवर्ण महासभा के सदस्य सिर मुंडवा कर जातिगत आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Firozabad: Members of Bhartiya Savarn Mahasabha tonsured their heads, demanding reservation on the basis of economic status. pic.twitter.com/Ho26hXW2T6
— ANI UP (@ANINewsUP) April 4, 2018
आपको बता दें कि एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2 अप्रैल को दलित समुदाय के लोगों ने भारत बंद बुलाया था और इस दौरान जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस प्रदर्शन के दौरान देश के कई हिस्सों में हिंसक घटनाएं भी हुई थीं, जिसमें करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी। कई राज्यों में करोड़ों की प्रॉपर्टी जलकर खाक हो गई। सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और बड़ी तादाद में लोगों को गंभीर चोटें भी आईं। वहीं केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है। इस याचिका पर 3 अप्रैल को सुनवाई हुई थी और अब 10 दिन बार फिर से सुनवाई होगी। दरअसल, कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में इस एक्ट के तहत की जाने वाली तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने की बात कही गई थी, जिसके विरोध में दलित समुदाय के लोगों ने 2 अप्रैल को प्रदर्शन किया।