Meghalaya Assembly Election 2023: नए साल के दूसरे महीने में ही तीन राज्यों नगालैंड(Nagaland), मेघालय (Meghalaya) और त्रिपुरा (Tripura) के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए सियासी तैयारी भी तेज हो गई है। पिछले चुनाव 2018 में 60 सदस्यीय मेघालय में भाजपा (BJP) के पास केवल दो विधायक थे, और कांग्रेस (Congress) के पास 21 विधायक थे, लेकिन भाजपा वहां सरकार बनाने में सफल हो गई। कांग्रेस देखती रह गई थी। 2018 से पहले भी वहां कांग्रेस की सरकार थी।
सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी सरकार नहीं बना सकी कांग्रेस
चुनाव में जनता ने कांग्रेस पार्टी को 21 सीट देकर सिंगल सबसे बड़ी पार्टी के रूप में विधानसभा में भेजा था। कांग्रेस के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के पास 19, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) के पास 6, एचएसपीडीपी (HSPDP) के पास 2, पीडीएफ के पास 4 और 1 निर्दलीय विधायक थे। इस चुनाव के बाद भाजपा ने ऐसी चाल चली की कि उसके केवल दो विधायक होने के बाद भी वह सरकार बनाने में कामयाब हो गई।
एनपीपी के कोनराड संगमा के नेतृत्व में सरकार ने संभाली थी सत्ता
भाजपा ने एनपीपी के 20, यूडीपी के 8, एचएसपीडीपी (HSPDP) के 2, पीडीएफ के 4 और 2 निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया था। इस तरह भाजपा गठबंधन के पास कुल 39 विधायक हो गये थे, जो बहुमत के लिए जरूरी संख्या से नौ अधिक थे। एनपीपी के कोनराड संगमा के नेतृत्व में सरकार ने सत्ता संभाली, जबकि अकेले 21 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीतकर आई कांग्रेस देखते ही देखते सत्ता से दूर हो गई। उत्तर-पूर्व के राज्यों में भाजपा की इस चाल से लंबे समय से सत्ता में रही कांग्रेस हैरान रह गई।

इस बार भी चुनावी तैयारियों के बीच भाजपा अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है। पिछले महीने (14 दिसंबर 2022) को नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) की फेरलिंक संगमा और बेनेडिक्ट मारक, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एचएम शांगप्लीयांग और निर्दलीय सैम्युएल संगमा ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इससे भाजपा की स्थिति और मजबूत हो गई।
मेघालय विधानसभा में इस समय एनपीपी के 20, यूडीपी के 8, बीजेपी के 3, पीडीएफ के 2 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष में एआईटीसी के 8 और एनसीपी के 1 सदस्य हैं। इसके अलावा 18 सीट खाली है। अगले साल लोक सभा के भी चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनावों में जिस पार्टी को जीत मिलेगी, उस पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल लोकसभा चुनाव ऊंचा रहेगा। ऐसे में भाजपा इन चुनावों को जीतने के लिए जीतोड़ मेहनत शुरू कर दी है।