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‘मनीष सिसोदिया का बार-बार फोन बदलना कोई मासूम हरकत नहीं, बाहर आए तो हो सकती है जांच प्रभावित’

Delhi Court: मनीष सिसोदिया के वकील ने दलील दी, “मैं जनसेवक हूं, लेकिन उन दो अन्य जनसेवकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जिनके खिलाफ ज्यादा गंभीर आरोप हैं।”

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Manish Sisodia के वकील ने कहा कि उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है और उनके भागने का जोखिम भी नहीं है। (File Photo- PTI)

Delhi Liquor Policy: दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया इस समय जेल में है। इस मामले को लेकर ईडी और सीबीआई दोनों जांच कर रही हैं। मंगलवार को सीबीआई केस में मनीष सिसोदिया को बेल दिए जाने को लेकर सुनवाई हुई। स्पेशल कोर्ट ने अब इस मामले 24 मार्च के लिए लिस्ट किया है। अब स्पेशल कोर्ट ने CBI मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को लेकर CBI द्वारा लिखित दलीलें दाखिल करने और प्रासंगिक निर्णय दाखिल करने के लिए 24 मार्च के लिए लिस्ट किया है।

इससे पहले आज कोर्ट में सीबीआई और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के वकीलों ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को जमानत के विरोध और पक्ष में अपने-अपने तर्क रखे। सीबीआई के वकील ने इस दौरान कहा कि मनीष सिसोदिया द्वारा बार-बार फोन बदला जाना कोई मासूम कर्म नहीं, बल्कि यह साक्ष्य मिटाने के लिए किया गया था।

कोर्ट में मनीष सिसोदिया के वकील ने क्या कहा?

  1. मनीष सिसोदिया ने जांच में सहयोग किया और तलाशी अभियान में कोई आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले।
  2. उनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है और उनके भागने का जोखिम भी नहीं है।
  3. उनके खिलाफ रिश्वत लेने का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, आबकारी नीति में बदलाव विशुद्ध रूप से सामान्य प्रक्रिया थी।
  4. आबकारी नीति में बदलाव का मामला दिल्ली के LG और वित्त सचिव सहित अन्य के समक्ष गया था।
  5. कथित अपराध में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है। अब उन्हें और अधिक दिनों तक जेल में रखना न्यायोचित नहीं है।

CBI ने जमानत के विरोध में क्या दलीलें दीं?

  1. मनीष सिसोदिया ने ‘अभूतपूर्व’ 18 मंत्रालयों का जिम्मा संभाला, उनके विदेश भागने का खतरा नहीं हो सकता, लेकिन सबूत नष्ट करने का जोखिम है।
  2. मनीष सिसोदिया द्वारा बार-बार फोन बदला जाना कोई मासूम कर्म नहीं, बल्कि यह साक्ष्य मिटाने के लिए किया गया।
  3. जांच एजेंसी के पास आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन है और अगर मनीष सिसोदिया बाहर आते हैं, तो जांच प्रभावित हो सकती है।

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First published on: 21-03-2023 at 16:39 IST
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