Tripura Chief Minister: त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधायक दल की बैठक में माणिक साहा को अपना नेता चुन लिया है। वो ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रतिमा भौमिक को राज्य की सीएम चुन सकता है।
माणिक साहा ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने पर कहा था कि बीजेपी की जीत प्रत्याशित थी… हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। PM हमें जो मार्ग दिखायेंगे, हम उस दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में अबतक चुनाव दो दलों के बीच सीधा मुकाबला था। यह पहली बार है कि राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया है।
1257 वोटों से जीते माणिक साहा
माणिक साहा ने ‘टाउन बोरडोवाली’ विधानसभा क्षेत्र से 1257 मतों के अंतर से चुनाव जीता है। माणिक साहा को 19,586 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के आशीष साहा को 18,329 मत हासिल हुए। पिछले साल वह इसी सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के आशीष कुमार साहा को 5,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर विधानसभा पहुंचे थे।
Who is Manik Saha?
बीजेपी से 2016 में जुड़े माणिक साहा (69) पिछले साल CM बनाए गए। डेंटल सर्जन साहा ने कम समय में बड़ी कामयाबी हासिल की। बीजेपी के वैचारिक मार्गदर्शक RSS ने पाया कि पिछले मुख्यमंत्री बिप्लब देब की कार्यशैली और खराब कानून-व्यवस्था के रिकॉर्ड से पार्टी की लोकप्रियता में कमी आ रही है। वहीं, बीजेपी के समर्थक भी उंगली उठा रहे थे, ऐसे में पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक समेत कई अन्य नेताओं के बजाय कम चर्चित और सुर्खियों से दूर रहने वाले साहा को कमान सौंपने का फैसला किया।
‘पाक साफ’ छवि वाले साहा को 2020 में भाजपा की त्रिपुरा इकाई की कमान सौंपी गई और कुछ समय के लिए पिछले साल तीन अप्रैल से चार जुलाई तक वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे। एक समय कांग्रेस के वफादार माने जाने वाले माणिक साहा पिछले छह साल में लगातार आगे बढ़ते गए।
मुख और मैक्सिलोफेशियल (मुख, चेहरा, जबरा) सर्जरी विशेषज्ञ साहा ने 2022 में उपचुनाव में राज्य की राजधानी अगरतला के बाहर स्थित टाउन बोरडोवाली से जीत हासिल की। राजनीति में आने से पहले साहा हापनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते थे। देब की जगह लेने के बाद उनके पास राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में केवल 10 महीने बचे थे, लेकिन 16 फरवरी के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार की छवि को बेहतर बनाने में वह कामयाब रहे।
‘विनम्र नेता’ के तौर पर मशहूर साहा ने 1970 के दशक की शुरुआत में अपनी स्कूली शिक्षा त्रिपुरा में की और फिर बिहार और उत्तर प्रदेश में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। जनवरी में, साहा ने ट्विटर पर साझा किया कि कैसे उन्होंने त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में लंबे समय के बाद 10 साल के बच्चे की सर्जरी की। सोशल मीडिया पर लोगों ने डॉक्टर के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए उनकी प्रशंसा की और इसे प्रेरणादायी बताया।
इनपुट- ANI / भाषा