ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे में फिर दिखी गर्मजोशी, शिवसेना के स्थापना दिवस पर दी बधाई
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को पार्टी के 52वें स्थापना दिवस के मौके पर शुभकामनाएं दीं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को पार्टी के 52वें स्थापना दिवस के मौके पर शुभकामनाएं दीं। बनर्जी ने ट्वीट किया, “शिवसेना के 52वें स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरेजी और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को दिली शुभकामनाएं। 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध में क्षेत्रीय दलों को साथ मिलाकर संघीय मोर्चे के विचार को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभार रहीं बनर्जी ने भविष्य के सभी चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने के शिवसेना के फैसले पर सकरात्मक रूप से बातचीत की है। महाराष्ट्र और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना और भगवा संगठन में कुछ महीने से खटपट चल रही है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जारी धरने का भी समर्थन किया है।
Heartiest greetings to Uddhav Thackeray Ji and all @ShivSena workers on the 52nd foundation day of their party
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 19, 2018
गौरतलब है कि पिछले काफी लंबे समय से शिवसेना और बीजेपी के बीच तल्खियां तेज चल रही हैं। कुछ दिन पहले ही शिवसेना की ओर से ऐसा बयान आया था जो बीजेपी को झटका देने वाला था। दरअसल, शिवसेना ने बयान जारी कर कहा था कि वह अगला 2019 लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ न मिलकर अकेली ही लड़ेगी। बता दें कि सोमवार को भी शिवसेना ने अपने संपादकीय में बीजेपी के खिलाफ जमकर हमला बोला है।
जम्मू एवं कश्मीर हिंसा पर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए शिवसेना ने सोमवार को पूछा कि क्या ‘भारत के पास सच में एक रक्षा मंत्री है?’ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की सहयोगी शिवसेना ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम लिए बिना उनपर ‘एक बहुत कमजोर और अप्रभावी, चेहरा विहीन व्यक्तित्व, जोकि पद पर है और देश के लिए अहितकर है’ कहकर हमला किया।
सेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना के संपादकीय में कहा, “हमारे सेना के तीनों प्रमुख हमेशा सुनिश्चित करते हैं कि देश की सशस्त्र सेना किसी भी चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहे। हमें सशस्त्र सेना की क्षमता पर पूरा विश्वास है- लेकिन नेतृत्व अयोग्य है। संपादकीय के अनुसार, “नहीं तो, रमजान के पवित्र महीने में आतंकवादी बहादुर जवान औरंगजेब और मोहम्मद हनीफ की हत्या नहीं कर पाते।
इन हालातों में शिवसेना को बंगाल की सीएम ममता का विश करना एक राजनीतिक दाव भी समझा जा सकता है।
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