आत्री मित्रा
ममता बनर्जी सरकार ने 21 फरवरी को पश्चिम बंगाल मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (संशोधन) विधेयक, 2023 को विधानसभा में पारित करवाया। यह राज्य सरकार को सरकारी या निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने, लूटपाट और आगजनी करने वाले लोगों की संपत्तियों को कुर्क करने में सक्षम करेगा ताकि पीड़ितों को मुआवजा दिया जा सके। इसकी तुलना, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के उस विवादास्पद कानून से की जा रही है, जो नागरिकता विरोधी संशोधन अधिनियम (सीएए) के प्रदर्शनकारियों से सरकारी और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली के लिए लाया गया था।
कुर्क की गई संपत्ति को नीलामी में बेचकर पीड़ित के लिए मुआवजे का प्रावधान
पश्चिम बंगाल के संशोधित कानून के तहत किसी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अभियुक्त से ही नुकसान की रकम वसूली जाएगी। इसके तहत सार्वजनिक व्यवस्था, राजस्व और लोक कल्याण को बनाए रखने के उद्देश्य से पीड़ित को मुआवजा प्रदान करने के लिए अभियुक्त की संपत्ति को कुर्क करने का प्रावधान है।
पश्चिम बंगाल में असामाजिक तत्वों की ओर से आंदोलन के नाम पर राज्य में आगजनी, लूटपाट और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की कई घटनाएं हुई हैं। इस विधेयक को लाने का ममता सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि इसमें अधिनियम के तहत कुर्क की गई संपत्ति को सार्वजनिक नीलामी में बेचकर इसके तहत एक योजना बनाकर पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करने का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश में लाया गया था कानून
बता दें कि 2019 में सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदर्शनकारियों को बदले की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, “इस हिंसा में शामिल प्रत्येक तत्व की संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा और उसका क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्ति के मुआवजे की वसूली के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सभी के चेहरों की पहचान कर ली गई है। वे वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे हैं। हम उनकी संपत्तियों को जब्त कर बदला लेंगे, मैंने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।’
राज्य सरकार ने 16 मार्च, 2020 को उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए रिकवरी नोटिस जारी किया था। इसके अगले साल यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट, 2021 पारित किया, जिसके तहत प्रदर्शनकारियों को सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाए जाने पर कारावास या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा।