महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के चीफ राज ठाकरे ने अपना प्रस्तावित अयोध्या दौरा फिलहाल के लिए रद्द कर दिया है। राज ठाकरे पांच जून को अयोध्या जाने वाले थे। इस मामले को लेकर काफी राजनीति भी हुई थी। लोग उनके दौरे पर सवाल उठाते हुए कह रहे थे कि वो धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक उद्देश्य के लिए अयोध्या जा रहे हैं।
राज ठाकरे की इस यात्रा का विरोध बीजेपी के नेता भी कर रहे थे। बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह, राज ठाकरे से उत्तर भारतीय के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए माफी की मांग कर रहे थे। बीजेपी नेता ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर राज ठाकरे माफी नहीं मांगेंगे तो वो, उन्हें अयोध्या में नहीं घुसने देंगे।
17 अप्रैल, 2022 को, मनसे प्रमुख ने पुणे में घोषणा की थी कि वह भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए 5 जून को अयोध्या जाएंगे। उन्होंने कहा था- “राम मंदिर के लिए कितने ‘कारसेवकों’ ने अपनी जान गंवाई। अब सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के कारण, वहां राम मंदिर की स्थापना हो रही है। इसलिए मैं निर्माण के प्रारंभिक चरण में वहां जाना चाहता हूं। बाद में, एक बार मंदिर तैयार हो जाता है, फिर हर कोई इसे देखेगा”।
राज ठाकरे से पहले उनके भतीजे और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अयोध्या जाने की घोषणा कर चुके थे। राज ठाकरे की इस घोषणा को शिवसेना से ही जोड़कर देखा जा रहा था। इसे लेकर शिवसेना ने राज ठाकरे पर तंज भी कसा था।
बता दें कि 2008 में राज ठाकरे ने उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करके भारी विवाद खड़ा किया था। तब उनके बयानों के कारण मुंबई में हिंसा भी भड़क उठी थी और बिहार-यूपी के लोगों के साथ मारपीट होने की खबरें आने लगीं थीं। इसे लेकर राज ठाकरे की काफी आलोचना हुई थी। यही कारण था कि जब राज ठाकरे ने अयोध्या जाने का ऐलान किया तो वहां के स्थानीय नेताओं ने उनके खिलाफ विरोध का बिगुल फूंक दिया और माफी की मांग करने लगे।