महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद देसी हथियारों का जखीरा बरामद करने का दावा किया है। एटीएस का कहना है कि रविवार को इस मामले में गिरफ्तार वैभव राउत के घर से लगभग 10 पिस्टल बरामद किये गये। वैभव राउत गोवंश रक्षा समिति का सस्दय है। उसे पुलिस ने दो दिन पहले कट्टरपंथी हिन्दू संगठनों पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था। एक अधिकारी ने कहा, “उसके घर से 10 पिस्टल बरामद किये गये थे, ये बरामदगी गिरफ्तार तीन लोगों से पूछताछ के आधार पर हुई है, इन पिस्टल की बनावट से लगता है कि इन्हें उत्तर प्रदेश से हासिल किया गया है, हालांकि हमलोग जांच कर रहे है कि ये हथियार इनलोगों ने कहीं से हासिल किये हैं, या फिर खुद बनाये हैं।”
एटीएस अब इस मामले में इस एंगल से जांच कर रही है कि क्या गिरफ्तार तीनों आरोपी और उसके सहयोगी हथियार बनाने वाली यूनिट चला रहे थे, या फिर उन्होंने इन हथियारों को उत्तर प्रदेश या असम से हासिल किया है। एटीएस के जांच के दायरे में एक ग्राफिक फर्म है, जिसे गिरफ्तार सुधन्वा गोंधालेकर चलाता है। एक अधिकारी ने बताया कि उनकी जांच ये पता करने पर होगी कि क्या गोंधालेकर ने हथियार बनाने वाली यूनिट बना ली थी, या फिर आरोपी दूसरे राज्यों के हथियार आपूर्तिकर्ता से संपर्क साध लिये थे, जिन्होंने इन्हें हथियारों का जखीरा पहुंचाने में मदद की। जांच एजेंसियां इस मामले में विरेंद्र तावड़े का रोल भी समझ रही है। तावड़े को नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पंसारे की हत्या में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को जांच के दौरान कई ईमेल मिले हैं। ये ई मेल तावड़े और सनातन संस्था के सदस्य सारंग अकोलकर के बीच आदान-प्रदान हुए थे। इस ई मेल में महाराष्ट्र में हथियार बनाने की फैक्ट्री स्थापित करने पर बात हुई थी। तावड़े हिन्दू जनजागृति समिति का सदस्य है, जो कि सनातन संस्था से जुड़ा है।
एक अधिकारी ने कहा, “2008 से 2013 के बीच दोनों के बीच कई ईमेल आए गये। 2009 से 2010 के बीच के इमेल में दोनों ने साहित्य की चर्चा की है…एक ईमेल में तावड़े एक कारखाना लगाने की बात करता है…एक दूसरे मेल में लिखा है कि ‘देशी साहित्य’ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उपलब्ध है, जबकि ‘विदेशी साहित्य’ असम में मौजूद है। नरेंद्र दाभोलकर केस की जांच कर रहे एक सीबीआई अधिकारी ने कहा, “लंबे पूछताछ के दौरान तावड़े ने कहा कि ईमेल में कोड वर्ड्स के इस्तेमाल किये गये थे, और योजना हिन्दू राष्ट्र के निर्माण के लिए 15 हजार सेवक तैयार करने की थी।”
शनिवार को पुलिस ने दावा किया था कि गिरफ्तार वैभव राउत, शरद कालास्कर और सुधन्वा गोंधालेकर के ठिकानों से मैगजीन के साथ 11 देसी तमंचे, एक एयरगन, पिस्टल की दस नली, छह पिस्टल मैगजीन, आंशिक रूप से बनी छह पिस्तौल, आंशिक रूप से बनी तीन मैगजीन और हथियार के कई भाग जब्त किये गये। इसके अलावा, बम बनाने की सामग्री, वाहनों की छह नंबर प्लेट, सीडी, पेन ड्राइव, हार्डडिस्क और हैंडबुक और बम बनाने से जुड़े अन्य साहित्य भी बरामद किये गये। जांचकर्ताओं को संदेह है कि जब्त सामग्री का इस्तेमाल आईईडी बनाने के लिए किया जाना था।