महाराष्ट्र में जारी सियासी जंग के बीच मुंबई पुलिस की ने भाजपा नेता मोहित कंबोज के खिलाफ 52 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ये कार्रवाई की है। वहीं कंबोज ने कहा है कि मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के इशारे पर उनके खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन वे इससे डरने वाले नहीं हैं।
इंडियन ओवरसीज बैंक के मैनेजर की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर यह केस दायर किया गया है। बैंक मैनेजर के अनुसार कंबोज उस कंपनी के तीन निदेशकों में से एक हैं, जिसने 52 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर उसका बेजा इस्तेमाल किया। कंबोज व दो अन्य निदेशकों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
बैंक मैनेजर ने अपनी शिकायत में कहा कि निसिध वेंचर प्राईवेट लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक मोहित कंबोज, व कुछ अन्य लोगों ने 2011 से 2015 के बीच लिए गए 52 करोड़ 89 लाख रुपए का किसी और जगह इस्तेमाल किया। बैंक का दावा है कि आरोपियों ने आपराधिक साजिश के तहत फर्जी कागजात के आधार पर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। बैंक को इससे भारी नुकसान झेलना पड़ा।
ये पहली बार नहीं है जब कंबोज किसी फ्राड के मामले में फंसा है। 2019 में बैंक ऑफ बड़ौदा ने उसे विलफुल डिफाल्टर घोषित किया था। Avyaan Ornaments से जुड़े, मामले में ये कार्रवाई की गई थी। इसके एक साल बाद 2020 में सीबीआई ने उसके खिलाफ बैंक फ्राड केस दर्ज किया था।
कौन है मोहित कंबोज
ये शख्स वैसे यूपी का कहने वाला है। 2004 में वो मुंबई पहुंचा और इसके अगले ही साल केबीजे ज्वैलर्स को लॉन्च कर दिया। उसने जवाहरात के बाजार में पैसा कमाने के गुर अपने पिता बनवारी लाल कंबोज से सीखे। 2014 में वो अचानक तब चर्चाओं में आया जब 1 साल पहले ही पार्टी ज्वाईन करने के बाद भी उसे असेंबली टिकट दे दिया गया। उस दौरान वो महाराष्ट्र का सबसे धनी उम्मीदवार था। हलफनामे में उसकी संपत्ति 253.53 करोड़ रुपये बताई गई थी। चुनाव हारने के बाद भी वो बीजेपी में ताकतवर बना रहा। 2019 के लोकसभा और सूबे के असेंबली चुनाव में वो बीजेपी का अहम चेहरा था।
2019 में कंबोज ने अपने नाम के आगे भारतीय लगा दिया था। कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद वो फिर से तब चर्चा में आया जब एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने उस पर आर्यन खान केस में मास्टरमाइंड होने का आरोप जड़ा। उसके बहनोई रिषभ सचदेव को लेकर मलिक ने कई बातें कही थीं। कंबोज ने इसके बाद नवाब मलिक पर 100 करोड़ का मानहानि का केस दायर किया था। मलिक की गिरफ्तारी के बाद उसने अपनी बिल्डिंग के आगे तलवार लगाई तो शिवसेना सरकार ने उस पर केस भी दर्ज कराया था।