महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी। घटना की जांच को एनआईए को सौंप दिया गया था। वहीं अब एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए ने कोर्ट में बताया कि आरोपियों ने उमेश कोल्हे की हत्या करने के बाद जश्न मनाने के लिए “बिरयानी पार्टी” की थी। एनआईए ने दोनों आरोपी मौलवी मुशफिक अहमद और अब्दुल अरबाज की कस्टडी की मांग की, जिसे कोर्ट ने मान लिया।
एनआईए ने आरोप लगाया कि मुशफिक अहमद ने आरोपी को लॉजिस्टिक्स सहायता प्रदान की थी, वहीं अरबाज ने घटना स्थल पर नजर रखी थी। जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि दोनों ने अपराध करने के बाद अन्य आरोपियों को फरार रहने में कथित तौर पर मदद की थी। एनआईए ने दावा किया कि हत्या के बाद जश्न मनाने के लिए एक “बिरयानी पार्टी” आयोजित की गई थी और मुशफीक और अब्दुल उसमे मौजूद थे। एजेंसी ने बताया कि उन्हें इस बात की जांच करने की जरूरत है कि पार्टी में कौन-कौन मौजूद थे।
एनआईए ने आरोप लगाते हुए बताया कि मुशफीक ने हत्या के बाद कथित मास्टरमाइंड शेख इरफान के साथ कॉल पर बातचीत की थी , जबकि अब्दुल अपने द्वारा संचालित संगठन के साथ ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था। हत्या का कथित मास्टरमाइंड इरफान रहबर हेल्पलाइन नाम से एक स्वयंसेवी संगठन चलाता था।
एनआईए की रिमांड मांग का विरोध करते हुए आरोपियों की ओर से पेश वकील काशिफ खान ने कहा कि दोनों के खिलाफ लगाए गए आरोप लागू नहीं होते, क्योंकि वे आतंकवादी नहीं हैं। काशिफ खान ने तर्क दिया कि एजेंसी किसी भी आतंकी संगठन का नाम लिए बिना या इनमें से किसी भी आरोपी के आतंक से संबंधित किसी भी पुराने मामले को दिखाए बिना यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि यह एक आतंकी कृत्य था।
बता दें कि उमेश कोल्हे की 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती में हत्या कर दी गई थी। जब उमेश कोल्हे अपनी दुकान बंद करके घर लौट रहे थे, उसी दौरान रास्ते में उनकी हत्या कर दी गई थी। निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के समर्थन में उमेश कोल्हे ने सोशल मीडिया पोस्ट की थी, जिसके बाद उनकी हत्या की गई थी।
उमेश कोल्हे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि गर्दन के बाएं हिस्से पर धारदार हथियार से तेज हमला किया गया था। जिसकी वजह से 8.2 CM गहरा गड्ढा हुआ था। इससे उमेश कोल्हे के शरीर की कई नसे डैमेज हो गई थी और उनकी मृत्यु हो गई।