महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को विधान भवन में एक-दूसरे से बात की और एक साथ मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया। विधान परिषद सदस्य (MLC) ठाकरे मराठी भाषा विभाग की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के कड़वे संबंध
दरअसल, देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच संबंध तब से कड़वे हो गए जब अविभाजित शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री कार्यकाल के बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था। ठाकरे ने तब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई थी।
वहीं, पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद ठाकरे की महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के बाद दोनों नेताओं के बीच कड़वाहट बढ़ गई। एकनाथ शिंदे तब भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। देवेंद्र फडणवीस ने तब कहा था कि उन्होंने एमवीए सरकार के पतन को सुनिश्चित करके ठाकरे से बदला लिया था।
आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे मेरे शत्रु नहीं- देवेंद्र फडणवीस
हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे मेरे दुश्मन नहीं हैं। हमारे बीच वैचारिक मतभेद हैं। उद्धव जी ने अब अलग विचार पकड़ रखा है। मेरी पार्टी का एक अलग विचार है। हम वैचारिक विरोधी हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की एक संस्कृति है। उस संस्कृति के अनुसार हम वैचारिक रूप से विरोधी हैं। फडणवीस ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में जरूर थोड़ी दुश्मनी देखने को मिली है लेकिन यह सही नहीं है। हमें इसे किसी न किसी मोड़ पर खत्म करना होगा।
फडणवीस को अब भी दोस्त मानते हैं आदित्य ठाकरे
देवेंद्र फडणवीस का यह बयान आदित्य ठाकरे के एक बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि फडणवीस और हमारे बीच राजनीतिक विरोध हो सकता है लेकिन हम अब भी उन्हें अपना दोस्त ही मानते हैं। यह फडणवीस से पूछा जाना चाहिए कि वह हमें क्या मानते हैं? देवेंद्र फडणवीस ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों ने बगावत की थी तब उद्धव ठाकरे ने मुझसे संपर्क किया था लेकिन मैंने उन्हें जवाब दिया कि हम आगे बढ़ चुके हैं।