Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों खास चर्चा का केंद्र बनी हुई है। शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बाद से उद्धव ठाकरे गुट को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ नाम और चिन्ह की लड़ाई का अंत चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुना कर कर दिया तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने भी उद्धव ठाकरे गुट की रही-सही उम्मीदों को फैसले पर स्टे नहीं लगाकर खत्म कर दिया।
उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के लिए मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हो रही हैं। अब उद्धव गुट के नेता संजय राउत पर लगातार दूसरी एफआईआर की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के कार्यकर्ता सचिन मुलुक की शिकायत पर यह FIR दर्ज की गई है। संजय राउत पर 24 घंटे के भीतर यह दूसरी एफआईआर है।
लगातार दूसरी एफआईआर
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक और वरिष्ठ नेता संजय राउत लगातार मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। संजय राउत पर लगातार 24 घंटे में दूसरी एफआईआर दर्जी की गयी है। शिंदे गुट के नेता सचिन मुलुक द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर के अलावा राउत के खिलाफ महाराष्ट्र के ठाणे में 22 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी। यह ठाणे की पूर्व महापौर मीनाक्षी शिंदे की शिकायत पर दर्ज कराई थी।
बता दें कि कपूरबावाड़ी पुलिस थाने उन पर आईपीसी की धारा 211,153A 500,501,504,505(2) के तहत मामला दर्ज किया था।
संजय राउत ने क्या कहा ?
संजय राउत ने इस मामले को लेकर एक बयान भी दिया है, उन्होने कहा कि महाराष्ट्र सरकार गुंडों की सरकार हो गयी है। गवाह को धमका रहे हैं। जांच को बगल में रख दिया है। मेरे दफ्तर सामना में जाकर विटनेस को धमकी दी गई है। एक गुंडा एक हिस्ट्रीशीटर खुलेआम बोलता है। मुख्यमंत्री के बगल में खड़े होकर धमकी देता है। उनके सांसद पुत्र के बंगले पर भी जाता है।
पुलिस उसको प्रोटेक्ट कर रही है। यह कौन सी कानून व्यवस्था है? मैंने शिकायत की थी उसमें इतना आगबबूला होने की क्या जरूरत है? जांच कीजिए. मेरा बयान लीजिए. लेकिन जब मैं नही हूं तो सामना में जाकर कुछ लोगों को पुलिस की तरफ से धमकाया गया कि इस तरह के बयान दीजिए, नहीं तो आपको गिरफ्तार करेंगे, इस तरह डराया गया।