महाराष्ट्र के सियासी दंगल में अब लड़ाई बालासाहेब के नाम पर आकर टिक गई है। एकनाथ शिंदे गुट का दावा है कि उसके पास दो तिहाई विधायकों का समर्थन है इसलिए वो ही शिवसेना के वारिस हैं, लेकिन उद्धव गुट आक्रामक है। सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत ने कहा कि जिन्हें चुनाव लड़ना है वो अपने बाप के नाम पर लड़े, बालासाहेब के नाम पर नहीं। ऐसे में न्यूज़ चैनल आजतक पर एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने जिनको विधायक बनाया था वो गुवाहाटी में बैठे हैं।
शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर के अपनी सुरक्षा की चिंता में मुंबई न आने की बात पर कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “हिंसा का समर्थन बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता चाहे वो इधर वाले करें या उधर वाले। एक पार्टी है पक्ष और एक विपक्ष पर इन सबके बीच एक तीसरी पार्टी भी है जो तथस्त है।” इस पर एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा, “इसे तथस्त रहना नहीं मौन रहना कहते हैं। जब आपके सामने हिंसा हो रही है और आपकी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की तिपहिया सरकार चल रही है।”
बीजेपी खेल रही है खेल: एंकर ने आगे कहा कि इसे मौन रहना, चुपचाप सब कुछ देखना और आंखें मूंद लेना कहते हैं। इस देश में एक विधायक अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। महाराष्ट्र में हिंसा हो रही है और आप कहते हैं कि वो सूरत और गुवाहाटी में जाकर बैठे हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में बैठकर ये खेल खेल रही है और पिछले दस दिन से ये चल रहा है। अपनी बात आगे रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “अभी खबर आई है कि एकनाथ शिंदे गुजरात गए थे, शिंदे का शायद कोई सामान रह गया होगा होटल में इसलिए वो लेने गए थे।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “बीजेपी का कहना है कि हमारा कुछ लेना-देना नहीं है। इनका मध्य प्रदेश में भी जब विधायक गए थे कोई लेनादेना नहीं था, इनका मणिपुर में भी कोई लेना देना नहीं था, पर सबसे बड़ा लेनादेना इन्हीं का है।”
बागी विधायकों को नोटिस: महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष ने शनिवार (25 जून) को एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया। इन विधायकों को 27 जून 2022 तक लिखित जवाब दाखिल करना है। शिंदे समर्थक विधायकों ने अपने गुट का नाम ‘शिवसेना बालासाहेब’ रखा है। जिसके बाद कांग्रेस नेता अशोक चौहान ने कहा है कि यह गुट अधिकृत नहीं है।