महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी दी है कि BMC के पिछले 2 साल के कामकाज की CAG जांच करेगी। महाराष्ट्र सरकार ने इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। बीते 24 अगस्त को ही डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जांच का ऐलान किया था। BMC के कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।
अगस्त में ही उपमुख्यमंत्री देवेंद्र ने विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाव में कहा था कि शहरी विकास विभाग इन आरोपों की अलग-अलग समयबद्ध जांच करेगा कि क्या मुंबई में बीएमसी के सेवारत अधिकारियों ने अपनी-अपनी कंपनी शुरू की और कार्य के लिए कॉट्रैक्ट हासिल किए? उन्होंने यह भी कहा था कि CAG सड़कों की गुणवत्ता, कोविड-19 केंद्र स्थापित करने में भ्रष्टाचार सहित बीएमसी के कामों का भी ऑडिट करेगा।
अब देवेंद्र ने जानकारी दी है कि महाराष्ट्र सरकार ने सीएजी (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) के माध्यम से पिछले दो वर्षों में बीएमसी के मामलों की जांच का आदेश दिया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने BMC में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जांच की मांग की थी। उन्होंने जंबो कोविड सेंटर के नाम पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही BMC के कार्यों की जांच की मांग हो रही थी।
BMC पर शिवसेना का कब्ज़ा है। अब जब BMC के कार्यों की जांच के आदेश दिए गए हैं तो इसे उद्धव ठाकरे के लिए एक और झटका माना जा रहा है। बता दें कि आरोप लगाया गया है कि कोविड के दौरान बीएमसी ने अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के ऑर्डर दिए थे, जिसमें भ्रष्टाचार हुआ। ब्लैक लिस्ट हो चुकी हाईवे निर्माण कंपनी को 16 जून 2021 में कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। कई ऐसी कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया जो रजिस्टर्ड ही नहीं थी।
दावा किया गया कि इन सबका राजनीतिक दलों के साथ कनेक्शन भी है। जिस वक्त भ्रष्टाचार की बात कही जा रही है, उस समय महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी और BMC में शिवसेना का कब्जा था। इसी मामले में अब सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।