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BJP को महाराष्ट्र में लग सकता है एक और झटका! एकनाथ खडसे के बाद अब पंकजा मुंडे भी कहेंगी गुडबाय? समझें क्यों

पंकजा मुंडे बीते साल विधानसभा चुनाव हारने के बाद से नाराज चल रही हैं। एकनाथ खडसे की तरह वह भी अपनी हार के लिए पार्टी की अंदरुनी कलह को जिम्मेदार मानती हैं।

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पंकजा मुंडे का फाइल फोटो।

महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के एनसीपी में जाने के एक हफ्ते बाद, जिस तरह से भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार की तारीफ की है, उससे इस बात की चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि वह भी जल्द भाजपा छोड़ सकती हैं। शिवसेना की तरफ से हाल ही में पंकजा मुंडे को पार्टी में शामिल होने का ऑफर भी आया है, जिसे पंकजा मुंडे ने सीधे तौर पर खारिज नहीं किया है।

बीती 22 अक्टूबर को सीएम उद्धव ठाकरे ने बाढ़ ग्रस्त किसानों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज की घोषणा की थी। इस राहत पैकेज को भाजपा ने बेहद कम बताकर खारिज कर दिया था। हालांकि तीन दिन बाद पंकजा मुंडे ने राहत पैकेज के लिए सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार को बधाई दी है और इसका स्वागत किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और सांसद रावसाहेब दानवे और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा शिवसेना सरकार के राहत पैकेज की आलोचना करने के बावजूद पंकजा मुंडे ने इसकी तारीफ की है।

पंकजा मुंडे बीते साल विधानसभा चुनाव हारने के बाद से नाराज चल रही हैं। एकनाथ खडसे की तरह वह भी अपनी हार के लिए पार्टी की अंदरुनी कलह को जिम्मेदार मानती हैं। पंकजा मुंडे ने साल 2009 और 2014 में पर्ली विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी लेकिन 2019 के चुनाव में वह अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे से चुनाव हार गई थीं।

परली विधानसभा 2008 में अस्तित्व में आयी थी। इससे पहले यह रेनापुर विधानसभा सीट थी, जहां पंकजा मुंडे के पिता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे ने कई बार जीत हासिल की थी।

25 अक्टूबर को बीड जिले के भगवानगढ़ में वार्षिक दशहरा रैली में बोलते हुए पंकजा मुंडे ने कहा था कि उन्होंने सीएम से अपील की है कि वह राहत पैकेज का ऐलान करके बाढ़ ग्रस्त किसानों की दिवाली मीठी बना दें। “मैं सीएम के राहत पैकेज ऐलान का स्वागत करती हूं।” हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि राहत पैकेज अपर्याप्त है और सीएम और उदार होना चाहिए।

 

बता दें कि पंकजा मुंडे ने बीते दिनों गन्ना किसानों के मुद्दे पर सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात भी की थी। इसके अलावा वह एनसीपी चीफ शरद पवार से भी मिल चुकी हैं। शरद पवार से मुलाकात के बाद पंकजा मुंडे ने शरद पवार की तारीफ भी की थी। दशहरा रैली में पंकजा मुंडे ने सीएम उद्धव ठाकरे का नाम तीन बार और शरद पवार का नाम कम से कम दो बार लिया लेकिन उन्होंने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस या किसी अन्य भाजपा नेता के नाम का कोई जिक्र नहीं किया।

उल्लेखनीय है कि शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री अर्जुन खोटकर और मौजूदा मंत्री गुलाबराव पाटिल ने पंकजा मुंडे को शिवसेना में शामिल होने की अपील की थी। इस पर 24 अक्टूबर को बीड के अंबेजोगई इलाके में एक जनसभा के दौरान पंकजा मुंडे ने शिवसेना के ऑफर के लिए धन्यवाद दिया था और कहा था कि वह अपने फैसले लेने में सक्षम हैं। इसके बाद खोटकर ने कहा था कि उन्होंने हमारे ऑफर पर धन्यवाद कहा है, यह काफी मायने रखता है। उन्होंने हमारा ऑफर रिजेक्ट नहीं किया है। हम अभी भी सकारात्मक हैं।

उद्धव ठाकरे के सीएम बनने के बाद पंकजा मुंडे उनके आवास पर उन्हें बधाई देने गई थीं। जिस पर कुछ भाजपा नेताओं ने नाराजगी भी जाहिर की थी। पंकजा मुंडे के अलावा एकनाथ खडसे ने भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी और खडसे अब एनसीपी के सदस्य हैं। ऐसे में पंकजा मुंडे को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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First published on: 31-10-2020 at 16:31 IST
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