देशभर में ज्ञानव्यापी मस्जिद, मथुरा और ताजमहल पर छिड़े विवाद के बीच कई इस्लामिक इमारतों के नीचे मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में मुस्लिम शासकों की बनवाई हुई प्रसिद्ध इमारतों की जांच और खुदाई की मांग की जा रही है। पर, अब यह विवाद देश से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। महंत बजरंग मुनि ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखकर मक्का-मदीना में भी शिव मंदिर होने का दावा किया है और उसकी जांच की मांग की है।
महंत बजरंग मुनि ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को पत्र लिखकर कहा है कि मक्का-मदीना की जांच होनी चाहिए क्योंकि वहां पहले शिव मंदिर था। इससे पहले महिलाओं पर विवादित बयान देते हुए बजरंग मुनि ने एक समुदाय की महिलाओं और बेटियों को घर से उठाकर रेप करने की बात कही थी। उनके इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
जिसके बाद विवादित बयान देने के मामले में महंत बजरंग मुनि को गिरफ्तार कर लिया गया था। बजरंग मुनि के खिलाफ थाना खैराबाद में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। 13 अप्रैल 2022 को महंत को गिरफ्तार कर मेडिकल परीक्षण के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
सीतापुर में 10 दिन जेल में रहने के बाद छूटते ही महंत बजरंग मुनि ने सीतापुर पुलिस और सीओ सिटी पर गंभीर आरोप लगाए थे। बाबा ने आरोप लगाया था कि सीओ सिटी पीयूष सिंह जेल में ही उनकी हत्या करवाना चाहते थे, लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का नतीजा: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार (20 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस केस को वाराणसी जिला अदालत को ट्रांसफर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, “तब तक हम जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी से वादियों से परामर्श करने और वजू के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध करते हैं।” वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा हो चुका है और हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वजू करने के स्थान पर शिवलिंग मिला है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने की बात को नकारते हुए कहा कि शिवलिंग जैसी कोई चीज नहीं मिली है। जिसे वो शिवलिंग कह रहे हैं, वो दरअसल फव्वारे का एक हिस्सा है