मध्य प्रदेश में शांति बहाली के लिए शनिवार से भेल के दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को उपवास तोड़ दिया। उन्होंने पार्टी नेताओं और किसानों के आग्रह पर अपना उपवास खत्म किया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने उन्हें नारियल-पानी पिलाकर उपवास तोड़वाया। इससे पहले शिवराज ने कहा कि वह राज्य की जनता और किसानों के लिए जीएंगे और उन्हीं के लिए मरेंगे। उन्होंने कहा कि वह किसानों को किसी तरह की समस्या नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों में से कई सिफारिशें सरकार पहले ही लागू कर चुकी है। चौहान ने कहा, “कुछ असामाजकि तत्वों ने प्रदेश के माहौल को खराब कर हिंसा फैलाई है, जिन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस कृत्य में कांग्रेस से जुड़े लोग भी शामिल रहे हैं। हिंसा के दौरान जिन लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ है, उन्हें प्रदेश सरकार मदद देगी।”
कर्ज माफी का आश्वासन न मिलने पर उन्हीं के सामने उपवास पर बैठे किसान शनिवार देर रात अपने घर लौट गए। राज्य में एक जून से 10 जून तक चले किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ चौहान ने शनिवार से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया था। इसके साथ ही किसानों को चर्चा के लिए बुलाया गया था। उपवास दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जब-जब किसानों पर संकट आया, मैं सीएम आवास से निकलकर किसानों के पास पहुंचा। हम नए आयोग का गठन करेंगे जो फसलों की सही लागत तय करेगा। उस लागत के हिसाब से किसानों को सही कीमत दिलाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान आग ना लगाएं बल्कि हमसे बातचीत करें। वहीं रविवार (11 जून, 2017) को सीएम से मुलाकात के लिए आए किसानों ने उपवास तोड़ने के लिए कहा। शिवराज से मुलाकात के लिए आए एक मृतक के पिता ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से उपवास तोड़ने की अपील की है। ये भी कहा कि सीएम हमारे बारे में सोचें और दोषियों को सजा दें। बता दें कि बीते शनिवार को सूबे में शांति बहाली ना होने तक उन्होंने उपवास पर रहने का ऐलान किया था।
दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उपवास के खिलाफ 14 जून से 72 घंटे के सत्याग्रह का ऐलान किया है। खबरों के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौरान मंदसौर फायरिंग में मारे गए लोगों के परिवार से मुलाकात करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि शिवराज राज्य में संवैधानिक कर्तव्यों का सही से निर्वाहन नहीं कर रहे हैं।
बीते शनिवार को उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि वह तो किसानों के लिए जिंदगी तक दे देंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीते वर्षो में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों को शून्य प्रतिशत पर कर्ज और खाद व बीज के लिए एक लाख रुपए का कर्ज लेने पर 90 हजार रुपए जमा करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जब भी किसानों पर विपदा आई वे उनके साथ खड़े हुए। सोयाबीन की फसल को नुकसान होने पर 4800 करोड़ रुपए की राशि बांटी गई, वहीं बीमा की 4400 करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी गई। बीते वर्ष सरकार ने प्याज की बंपर पैदावार पर छह रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज खरीदी और इस बार आठ रुपए प्रति किलोग्राम प्याज खरीद रहे हैं। तुअर और मूंग के लिए समर्थन मूल्य तय कर दिया है।
मेरी सभी से प्रार्थना है- किसानों के न्याय के लिये संघर्ष में साथ आएं! 14 जून से 72 घंटे का सत्याग्रह भोपाल में! #bhopalsatyagraha #mandsaur pic.twitter.com/N6hUkFWdAH
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) June 10, 2017