मध्य प्रदेश में नगर निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर घमासान जारी है। तो वहीं दूसरी तरफ टिकट न मिलने से बगावत का सिलसिला भी सुर्खियों में बना हुआ है। ताजा मामला शहडोल का है। जहां टिकट न मिलने से नाराज बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुरेश चतुर्वेदी और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हंसराज तनवर, पूर्व बीजेपी मंडलाध्यक्ष लवकुश तिवारी और पूर्व बीजेपी पार्षद दीपक राय समेत कई बीजेपी नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है।
बीजेपी से बागी नेता सुरेश चतुर्वेदी ने बताया कि वो 1980 से बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। ऐसे ही कई ऐसे लोग हैं, जो बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता हैं, लेकिन अपने-अपने स्तर से कोई अपने लिए, कोई बहू के लिए टिकट मांग रहा था। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई, जो लोग अपेक्षित नहीं थे, उनको टिकट मिल गई।
बीजेपी के नाराज नेताओं का साफ आरोप है कि बीजेपी ने इनकी अनदेखी की है। बागी नेताओं ने चेतावनी भी दी है कि इसका परिणाम अगले चुनाव में नजर आएगा। वहीं टिकट को लेकर मारामारी के चक्कर में बीजेपी कई जगहों पर नाराजगी झेल रही है। आरोप भी लग रहा है कि टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की अनदेखी हुई है।
इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के गुस्से की सामना करना पड़ा था। रीवा जिले के देवतालाब विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने गौतम पर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ केवल उनके समर्थकों को प्रदान करने, वास्तविक लाभार्थियों से वंचित करने का आरोप लगाया था। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में गौतम पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान ग्रामीणों से बहस करते दिख रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि अगर उनके समर्थकों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सही साबित हुए, तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि यह एक झूठा आरोप है मुझे पता है कि इसके पीछे कौन है। अगर यह साबित हो जाता है कि मेरे समर्थकों ने कुछ भी गलत किया है, तो मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति छोड़ दूंगा।
गौतम ने कहा, भगवान हनुमान के मंदिर के सामने, मैं आपको अपने आरोपों को साबित करने के लिए चुनौती देता हूं। अगर वे सच पाए जाते हैं, तो इस गांव को आने वाले जिला पंचायत चुनावों में हमारे लिए या आने वाले विधानसभा चुनावों में मेरे लिए एक भी वोट नहीं देना चाहिए।
बता दें, मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव 2022 के पहले चरण का मतदान 25 जून को सम्पन्न हुआ है। जिसमें कई जगह सत्तासीन दल भाजपा के समर्थित जीते हैं तो कई जगह हार का सामना करना पड़ा है। वहीं भाजपा के दिग्गज नेताओं को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे को भी जिला पंचायत के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में देवतालाब से भाजपा प्रत्याशी गौतम ने बसपा की सीमा जयवीर सिंह सेंगर को 45,043 मतों से हराया था।