मध्य प्रदेश ने लगभग नौ साल के अंतर के बाद देश में प्रतिष्ठित ‘टाइगर स्टेट’ का सम्मान एक बार फिर हासिल किया ही था कि पिछले एक सप्ताह में आपसी संघर्ष के कारण प्रदेश में तीन बाघों की मौत का मामला सामने आया है। ताजा मामले में मंगलवार देर रात उमरिया जिले के घुनघुटी रेंज में दो वर्षीय बाघ शावक का शव मिला है। इससे पहले रविवार और सोमवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (इळफ) में एक बाघिन और उसके एक शावक के शव बरामद किए गए थे।
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नर बाघ के पंजों के निशान मिलेः वन विभाग के रेंजर पी के त्रिपाठी ने बताया, ‘‘हमें मंगलवार रात घुनघुटी वन क्षेत्र में शव के बारे में जानकारी मिली है। वन टीम रात में घटनास्थल पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया।’’उन्होंने कहा कि घटनास्थल की स्थिति को देखने के बाद ऐसा लगता है कि दो साल के इस बाघ की वन्यजीवों के बीच लड़ाई में मौत हो गई। वहीं एक अन्य घटना के बारे में बीटीआर के प्रभारी उप निदेशक ए के शुक्ला ने बुधवार (31 जुलाई) को पीटीआई-भाषा को बताया कि 10 माह के बाघ शावक का शव 28 जुलाई को रिजर्व के कल्लावा रेंज में मिला था। इसके अगले दिन (सोमवार) को शावक की मां बाघिन टी-62 (आठ साल) का शव भी इस क्षेत्र में पाया गया।उन्होंने बताया कि शवों पर चोट के निशान बताते हैं कि दोनों की लड़ाई में मौत हो गई। इलाके में एक नर बाघ के पंजों के निशाने भी मिले हैं।
बीटीआर में मौजूद 110 बाघःबीटीआर के प्रभारी उप निदेशक ए के शुक्ला ने बताया कि शावक का शव एक दिन पुराना लग रहा था जबकि बाघिन टी-62 का शव एक सप्ताह पुराना था। शुक्ला ने कहा कि बाघिन टी-62 का एक और शावक इलाके में जिंदा मिला है। उसे सुरक्षित जगह स्थानांतरित कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि अनुमान है कि बीटीआर में 110 बाघ मौजूद हैं। गौरतलब है कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी की गई अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 के अनुसार बाघों की आबादी के मामले में 526 बाघों के साथ मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है जबकि कर्नाटक 524 बाघों की साथ देश में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2010 में कर्नाटक ने मध्यप्रदेश से प्रतिष्ठित ‘‘टाइगर स्टेट’’ का दर्जा छीना था जिसे मध्यप्रदेश में लगभग नौ साल के अंतराल के बाद पुन: हासिल किया है।