मध्य प्रदेश कैबिनेट ने पास किया विधेयक, मंत्री बोले- शादी कराने वाले पुजारी और मौलवी को भी सजा
उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में भी धर्मांतरण विरोधी कानून को कैबिनेट ने हरी झंडी दिखा दी है। इसे जल्द विधानसभा में पेश किया जा सकता है।

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को पास कर दिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के बाद मध्य प्रदेश में भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ इस कानून को बनाने का कदम उठाया गया है। इसमें नाबालिग और दलितों के जबरन धर्मांतरण पर सजा का प्रावधान किया गया है। विधानसभा में बीजेपी का बहुमत होने की वजह से आसानी से यह विधेयक पास हो सकता है।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने बताया, ‘इस विधेयक में किसी का जबरन धर्मांतरण करवाने पर 1 से 5 साल कैद की सजा का प्रावधान है और कम से कम 25 हजार रुपये जुर्मान लागाया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस नए कानून के तहत किसी नाबालिग, महिला या फिर दलित, आदिवासी का जबरन धर्मांतरण करवाने पर 2 से 10 साल की सजा हो सकती है और कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माना देय होगा।’
इस विधेयक में कहा गया कि अगर कोई पहचान छिपाकर या फिर बहला फुसलाकर शादी करता है तो इसे शून्य समझा जाएगा। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह देश का सबसे कठोर कानून होगा और जल्द इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की शादी अगर टूटती है तो संतान संपत्ति का अधिकारी होगा और महिला को भी गुजारा भत्ता मिलेगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अभी एक महीने पहले ही धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया है। इसमें प्रावधान है कि धर्म परिवर्तन से कम से कम दो महीने पहले जिलाअधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी। इसमें कम से कम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ 1 से पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि नाबालिग, महिला और दलित के साथ अगर ऐसा होता है तो जुर्माना 25 हजार रुपये और सजा 3 से 10 साल की होगी।
नरोत्तम मिश्र ने कहा, कहा कि इस विधेयक को विधानसभा के आसन्न सत्र में पेश किया जाएगा और इसके विधानसभा में पारित होते ही 1968 वाला धर्म स्वातंत्र्य विधेयक समाप्त हो जाएगा । मिश्रा ने बताया कि इसमें 19 प्रावधान हैं। उमालूम हो कि 28 से 30 दिसंबर के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आयोजित किया जायेगा ।