उम्र गलत बताकर फर्जीवाड़ा करने वालों की खैर नहीं, अब डॉक्टर पता लगा लेंगे सटीक आयु
केजीएमयू के सिनियर रेजिडेंट अब्दुल रहमान खान ने खोज कर बहुत से मुद्दों को सुलझा दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होने बताया कि इस खोज के तहत किसी भी व्यक्ति की आयु सिटी स्कैन करके जाना जा सकता है।

उम्र के साथ छेड़छाड़ कर नौकरी लेने या परीक्षा देने समेत कई तरह के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। लेकिन अब लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एक ऐसा शोध हुआ है जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। सिर्फ फर्जीवाड़ा रोकने ही नहीं यह नई खोज कई तरह की चिकित्सकीय सेवाओं में भी मददगार साबित होगी। नए शोध से अब किसी भी व्यक्ति की सटीक आयु का पता लगाना आसान हो गया।
केजीएमयू के फोरेंसिक मेडिसीन विभाग के सीनियर रेजिडेंट ने यह अविष्कार किया है। बता दें कि अब तक केवल मृतक लोगों का ही पोस्टमार्टम करके सटीक आयु का पता चल पाता था लेकिन इस खोज के बाद यह पता लगाना भी आसान हो गया है। इस शोध को 2018 में एक रिसर्च जर्नल में भी प्रकाशित किया गया था।
सीनियर रेजिडेंट अब्दुल रहमान खान ने यह खोज कर बहुत से मुद्दों को सुलझा दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस खोज के तहत किसी भी व्यक्ति की आयु सिटी स्कैन करके जानी जा सकती है। वही विभाग के हेड डॉक्टर अनूप कुमार वर्मा का कहना है कि 20 साल की उम्र के बाद के किसी भी व्यक्ति का आयु का पता लगाना पहले मुश्किल था पर इस खोज से वह भी आसान हो गया है। बता दें कि अब तक जीवित व्यक्तियों की आयु का पता शरीर की किसी एक लंबी हड्डी का एक्स-रे करने पर पता चल जाता था। जानकारों का मानना है कि एक्स-रे से भी सटीक उम्र का पता नहीं चल पाता है क्योंकि 20 साल के बाद मनुष्य की हड्डियां जुड़ जाती हैं। ऐसे में अत्याधुनिक मशीन सिटी स्कैन से अब यह भी संभव है।
डॉ. खान के अनुसार सटीक आयु के लिए कमर की हड्डियों का सीटी स्कैन होता है। उस स्कैन में हड्डियों का एक निश्चित क्रम में अध्ययन किया जाता है। इस अध्ययन से 70 से 80 साल की आयु के व्यक्ति का सटीक आकलन किया जा सकता है। गौरतलब है कि अपराध के मामले में कई बार आयु का पता लगाना जरूरी हो जाता है। ऐसे में इस अध्ययन से यह भी संभव हो सका है।