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Maharshtra: लव जिहाद, लैंड जिहाद और आर्थिक बहिष्कार… महाराष्ट्र में एक ही थीम पर 4 महीने में हिंदू संगठनों की 50 रैलियां

मुंबई के मीरा रोड में 12 मार्च को हिंदू संगठनों की ऐसी ही एक रैली में ‘इस्लामी आक्रामकता’, ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ भाषण दिए गए थे। कुछ वक्ताओं ने मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान भी किया था।

Hindu Jan Aakrosh Morcha| rally in Navi Mumbai| Love jihad
फरवरी में वाशी, नवी मुंबई में निकाली गई थी 'हिंदू जन आक्रोश मोर्चा' रैली। (Express File Photo)

Written by Nayonika Bose, Zeeshan Shaikh , Alok Deshpande

महाराष्ट्र में पिछले साल नवंबर से अब तक करीब चार महीने में कम से कम 50 ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ रैलियां आयोजित की गई हैं। राज्य के लगभग सभी 36 जिलों में हुई इन रैलियों में से हर एक में एक तय पैटर्न का पालन किया गया है। हाथों में भगवा झंडे लिए और महाराष्ट्र की टोपियां पहने लोगों का समूह शहर के बीचों-बीच एक संक्षिप्त मार्च निकालते हैं और उसके बाद एक छोटी रैली करते हैं। रैली में बने अस्थायी मंच पर वक्ता अल्पसंख्यकों पर जुबानी हमला करते हैं। लव जिहाद, लैंड जिहाद, जबरन धर्मांतरण और मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार के मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

रैलियों में भाजपा नेताओं की मौजूदगी, पार्टी ने किया किनारा

बीजेपी ने भले ही इन रैलियों से यह कहते हुए खुद को दूर कर लिया कि ये रैलियां हिंदुत्व और संघ से जुड़े संगठनों से बनी संस्था सकल हिंदू समाज द्वारा की जा रही हैं, लेकिन इनमें से लगभग सभी कार्यक्रमों में स्थानीय बीजेपी विधायक और सांसदों की उपस्थिति रही है। हालांकि, भाषण बड़े पैमाने पर दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों द्वारा दिए जाते हैं। इनमें निलंबित भाजपा नेता और तेलंगाना विधायक टी राजा सिंह, कालीचरण महाराज और काजल हिंदुस्तानी शामिल हैं। इनमें से टी राजा सिंह और कालीचरण महाराज अभद्र भाषा को लेकर कानूनी मामलों का सामना कर रहे हैं।

कौन हैं हिंदू रैलियों के विवादित और मशहूर वक्ता

टी राजा सिंह को इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद पर उनकी टिप्पणी के लिए पिछले साल अगस्त में भाजपा द्वारा निलंबित कर दिया गया था। वह महाराष्ट्र में ऐसी रैलियों में एक जाना-माना चेहरा हैं। कालीचरण महाराज उर्फ ​​अभिजीत धनंजय सारंग महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं। ‘हिंदू राष्ट्र’ के इस प्रस्तावक को दिसंबर 2021 में रायपुर में एक धर्म संसद में उनके भड़काऊ भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। वहां उन्होंने कथित तौर पर नाथूराम गोडसे की तारीफ की थी। वहीं गुजरात के रहने वाले काजल हिंदुस्तानी उर्फ ​​काजल शिंगला एक हिंदुत्व कार्यकर्ता हैं।

लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ भाषण

मुंबई के मीरा रोड में 12 मार्च को ऐसी ही एक रैली में “इस्लामी आक्रामकता”, “लव जिहाद” और “लैंड जिहाद” के खिलाफ भाषण दिए गए थे। कुछ वक्ताओं ने मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का भी आह्वान किया था। काजल हिंदुस्तानी ने कहा, “इस्लामी आक्रामकता के तीन प्रमुख पहलू हैं। पहला है लव जिहाद, दूसरा आता है लैंड जिहाद और अंत में धर्म परिवर्तन की समस्या आती है… इनके लिए… राम के नेतृत्व वाला समाधान है। जहां आपको राजनीतिक नेता, सुप्रीम कोर्ट या यहां तक ​​कि मीडिया भी नहीं रोक पाएगा। वह समाधान उनका आर्थिक बहिष्कार है। ”

भाषणों से पहले 2 किलोमीटर के मार्च को मीरा भायंदर से निर्दलीय विधायक गीता जैन ने झंडी दिखाकर रवाना किया था। वह महाराष्ट्र सरकार का समर्थन कर रही हैं। इस कार्यक्रम में भाजपा विधायक नितेश राणे के साथ स्थानीय भाजपा नेताओं और विहिप और बजरंग दल जैसे संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया था।

महाराष्ट्र पुलिस करवा रही रैलियों की वीडियो रिकॉर्डिंग

महाराष्ट्र पुलिस के जवानों को अधिकांश रैलियों में भाषण रिकॉर्ड करते देखा गया, लेकिन अभी तक किसी भी वक्ता के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। टी राजा सिंह को लातूर (फरवरी) और अहमदनगर (मार्च) में नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दो बार बुक किया गया है, लेकिन वे रैलियां ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ के बैनर तले नहीं हुई थीं। महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार हम इन रैलियों में कही जाने वाली हर बात की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे हैं। फिर हम उन्हें अच्छी तरह से सुनते हैं। उपयुक्त व्यक्तियों से कानूनी सलाह लेते हैं और फिर कानूनी कार्रवाई की जाती है।”

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सुप्रीम कोर्ट के 3 फरवरी के निर्देश के बावजूद भड़काऊ बोल

सुप्रीम कोर्ट के 3 फरवरी के निर्देश के बावजूद कि हिंदू जन आक्रोश मोर्चा को केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब “कोई घृणास्पद भाषण” न हो। दूसरी ओर इन रैलियों के भाषणों ने मुसलमानों को “देशभक्तिहीन” जिसका “मुख्य उद्देश्य हिंदू लड़कियों को शादी के जरिए इस्लाम में परिवर्तित करके दूर भगाना है” करार दिया गया है।

कुछ बड़ी रैलियां, उनके वक्ता और भड़काऊ भाषण

20 नवंबर, 2022: श्रद्धा वालकर की उसके साथी आफताब पूनावाला द्वारा की गई हत्या पर आक्रोश की पृष्ठभूमि में परभणी में आयोजित पहले हिंदू जन आक्रोश मोर्चा में आयोजकों ने कहा कि रैली हिंदू समाज में ‘लव जिहाद’ के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए थी। स्थानीय भाजपा पदाधिकारी और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के विधायक राहुल पाटिल भी उपस्थित थे।

29 जनवरी, 2023: मुंबई में एक रैली में मुसलमानों को मस्जिदों की उपस्थिति, वक्फ बोर्ड को कथित रूप से राज्य को बढ़ावा देने और हलाल मांस जैसे मुद्दों पर खुली धमकी दी गई। कामगार मैदान में रैली को संबोधित करते हुए तेलंगाना के विधायक टी राजा सिंह ने हिंदुओं से मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा संचालित दुकानों से सामानों का बहिष्कार करने का आग्रह करते हुए कहा, “यह समय है कि हिंदू समुदाय इनके वर्चस्व के खिलाफ खड़ा हो। लोगों के दिलो-दिमाग में गुस्सा है… हमारी बहनें और बेटियां दूसरे समुदाय के नापाक मंसूबों का शिकार हो रही हैं।” रैली में बीजेपी विधायक आशीष शेलार और प्रवीण दारेकर और सांसद गोपाल शेट्टी और मनोज कोटक शामिल हुए थे।

27 फरवरी, 2023: वाशी, नवी मुंबई में एक रैली में अधिक मुस्लिम विरोधी बयानबाजी अधिक हुई। काजल हिन्दुस्तानी ने कहा, “अरे अब्दुल, हमारी बात सुनो, इन हिंदू भाइयों ने आज से तुम्हारा बहिष्कार करने का फैसला किया है।” रैली में बीजेपी विधायक गणेश नाइक भी मौजूद थे।

12 मार्च, 2023: मीरा रोड की एक रैली में काजल हिंदुस्तानी ने दावा किया कि मुस्लिम विक्रेताओं ने सब्जियों और फलों में जहर मिला दिया है। उन्होंने कहा, “आज, शांति नगर, पूनम गार्डन, जेसल पार्क में लगभग सभी दुकानों पर जिहादी विक्रेताओं का कब्जा है। थोड़ा अतिरिक्त पैसा खर्च करें और उनसे खरीदारी करना बंद करें। सुनिश्चित करें कि आपका पैसा एक हिंदू के घर जाए।” रैली में भायंदर से निर्दलीय विधायक गीता जैन और भाजपा विधायक नितेश राणे मौजूद थे।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- भाजपा का एजेंडा नहीं

इन विरोध प्रदर्शनों में भाजपा नेताओं और मंत्रियों की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनवरी में कहा था, “कुछ रैलियों में, हमारी पार्टी के कार्यकर्ता या नेता मौजूद रहे हैं क्योंकि वे भी हिंदू हैं। अगर हिन्दुओं की समस्याओं को लेकर रैली का आयोजन किया जा रहा है तो स्वाभाविक है कि ये नेता भाग ले सकते हैं। लेकिन यह भाजपा का एजेंडा नहीं है।”

उद्धव ठाकरे शिवसेना के लिए बढ़ी असमंजस

रैलियों के बारे में नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पिछले साल जून में राज्य में सत्ता में आने के लिए शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के साथ पार्टी के हाथ मिलाने के बाद से बदली हुई परिस्थितियों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एकनाथ शिंदे द्वारा हिंदुत्व को मुख्य कारण बताया गया था। यह संदेश देने की जरूरत है कि नई सरकार हिंदुओं को न्याय देगी। वह पिछली सरकार से भी ज्यादा हिंदुओं की बात सुनती है और हिंदुओं के लिए काम करती है।

उन्होंने कहा, “उन्हें (उद्धव को) हमेशा बाला साहेब ठाकरे के बेटे होने का फायदा मिलेगा, लेकिन उनके लिए दुविधा यह होगी कि उनके नेता न तो इन रैलियों में भाग ले सकते हैं और न ही उनकी निंदा कर सकते हैं। हर राज्य में ये मुद्दे हैं। लव जिहाद पूरे देश में एक आम बात है। महाराष्ट्र अब जो देख रहा है, वह यह जांचने का एक प्रयोग है कि क्या ये लामबंदी वोटों में दिखाई देगी।”

नफरत फैलाने वाले भाषणों पर क्या बोले भाजपा के नेता

इन सभाओं में नफरत फैलाने वाले भाषणों के बारे में पूछे जाने पर, 12 मार्च को मीरा रोड कार्यक्रम में मौजूद भाजपा के कंकवली विधायक नितेश राणे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार के आह्वान से सहमत हैं। उन्होंने कहा, “उनके द्वारा सारा पैसा हिंदू समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। अगर उस पैसे का उपयोग समुदाय की समृद्धि के लिए किया जाता है, तो किसी को कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन वे हिंदुओं के खिलाफ आतंकवाद, लव जिहाद और कई अन्य चीजों के नाम पर पैसे का इस्तेमाल करते हैं। तो जाहिर है, हमें उनकी आर्थिक समृद्धि को रोकने के लिए आह्वान करना पड़ा।”

इनमें से कई रैलियों में देखे गए बीजेपी विधायक प्रवीण दारेकर ने कहा, “हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है… यह बड़ी संख्या में हो रहा है। एक समुदाय विशेष के भू-माफिया हैं जो जमीन हड़प कर धार्मिक स्थल बना लेते हैं। हिंदू समाज इस सब के खिलाफ एक साथ आया है।”

आयोजक अलग-अलग पर सभा में वक्ता एक

हिंदू जन आक्रोश मोर्चा रैलियों के अलावा पूरे महाराष्ट्र में इसी तरह की रैलियां हुई हैं। इसमें हिंदू जनजागृति समिति, गोवा स्थित एक संगठन द्वारा आयोजित ‘हिंदू राष्ट्र जागृति सभा’ ​​भी शामिल है। उसका उद्देश्य “हिंदू राष्ट्र” की स्थापना करना है। इन रैलियों में भी भड़काऊ भाषण होते हैं। हालांकि दोनों सभाओं के आयोजक अलग-अलग हैं, लेकिन बुलाए जाने वाले वक्ता एक ही हैं। टी राजा सिंह, कालीचरण महाराज और काजल हिंदुस्तानी समेत कई वक्ता दोनों के आयोजनों में जाते हैं।

विपक्षी दलों ने क्यों साध रखी है चुप्पी

राज्य में मुख्य विपक्षी दलों ने बड़े पैमाने पर हिंदू जन आक्रोश मोर्चा की रैलियों पर चुप्पी साध ली है। हालांकि एक प्रमुख नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, “इन रैलियों का आयोजन लोगों का ध्यान महंगाई, मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी के वास्तविक मुद्दों से हटाने के लिए किया जा रहा है। हमें दक्षिणपंथी ताकतों द्वारा तय किए गए एजेंडे पर क्यों चलना चाहिए? हमने इन रैलियों पर प्रतिक्रिया नहीं देने का फैसला किया है क्योंकि हम अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों से ध्यान नहीं हटाना चाहते हैं।”

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First published on: 20-03-2023 at 08:37 IST
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