Lok Sabha Election 2019: पकौड़े नहीं मिले तो नाराज होकर छोड़ी पार्टी, कांग्रेस का थामा दामन!
Lok Sabha Election 2019: जिन लोगों को पकौड़े नहीं मिले, वह नाराज हो गए और उन्होंने सभा स्थल पर ही कांग्रेस उम्मीदवार शेर सिंह घुबाया के समर्थन में नारेबाजी शुरु कर दी।

Lok Sabha Election 2019: बीते दिनों रोजगार के मुद्दे पर भारतीय राजनीति में पकौड़ों की खूब चर्चा हुई थी। अब एक बार फिर पकौड़े चर्चा के केन्द्र में आ गए हैं। दरअसल पंजाब के फिरोजपुर में अकाली दल के कई कार्यकर्ताओं ने पकौड़े ना मिलने के चलते पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और विपक्षी पार्टी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। घटना शुक्रवार की है। फिरोजपुर लोकसभा सीट से अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल चुनाव मैदान में हैं, जहां उनका सामना कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया के साथ हो रहा है। शुक्रवार को फिरोजपुर के गांव हस्तकला में अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल की जनसभा थी।
जनसभा के दौरान लोगों के खाने के लिए पकौड़े और चाय की व्यवस्था की गई थी। लेकिन उम्मीद से ज्यादा लोगों के जनसभा में आने के चलते पकौड़े कम पड़ गए। लाइव टुडे की एक खबर के अनुसार, जब प्रकाश सिंह बादल जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी परात में पकौड़े लेकर लोग आए, तो पकौड़े लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इससे पकौड़े की परात गिर पड़ी और लोग उस पर टूट पड़े। जिन लोगों को पकौड़े नहीं मिले, वह नाराज हो गए और उन्होंने सभा स्थल पर ही कांग्रेस उम्मीदवार शेर सिंह घुबाया के समर्थन में नारेबाजी शुरु कर दी। इतना ही नहीं नाराजगी इस कदर बढ़ी कि दर्जनों अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया।
बता दें कि पंजाब में फिरोजपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला काफी हाई प्रोफाइल है। जहां अकाली दल की तरफ से इसके नेता सुखबीर सिंह बादल चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बीते दिनों ही अकाली दल से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने वाले शेर सिंह घुबाया चुनाव मैदान में हैं। यही वजह है कि अकाली दल के लिए फिरोजपुर लोकसभा सीट का चुनाव काफी अहम हो गया है। अकाली दल का इस सीट पर बीते 25 सालों से कब्जा है। शेर सिंह घुबाया फिरोजपुर से मौजूदा सांसद हैं और यहां पर उनका अच्छा खासा दबदबा है। घुबाया ने अकाली दल के टिकट पर 2009 और 2014 के चुनावों में जीत हासिल की थी। चूंकि इस बार घुबाया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में अकाली दल के सामने फिरोजपुर सीट के बचाने की चुनौती है।