Lok Sabha Election 2019 से पहले इस्लामिक मुफ्तियों ने मोदी सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना का विरोध किया है। उन्होंने इसे शरिया के खिलाफ बताते हुए इसे अवैध करार दिया। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के मीडिया प्रभारी अजीमुल्लाह सिद्दीकी ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में संगठन की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में बच्चियों के लिए चलाई जा रही छोटी बचत योजना पर यह प्रस्ताव पारित किया गया।
मोदी सरकार ने 2015 में शुरू की थी योजनाः सिद्दीकी ने कहा, ‘सुकन्या समृद्धि ब्याज पर आधारित है, इसलिए यह इस्लामिक शरिया के अनुसार अवैध है।’ नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत यह योजना आरंभ की थी।
‘मोबाइल ऐप से लेनदेन वैध’: एक अन्य प्रस्ताव में विभिन्न मोबाइल ऐप के जरिए आर्थिक लेनदेन को अनुमति भी प्रदान की गई। शरिया के मुताबिक कैशबैक या रिवॉर्ड प्वॉइंट और ऐप से कैब बुकिंग करने को वैध करार दिया गया। इसी प्रस्ताव में कहा गया कि वैध वस्तुओं के विज्ञापन के लिए गूगल एडसेंस का उपयोग किया जाना उचित है।
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क्या है यह योजनाः सुकन्या समृद्धि योजना केंद्र सरकार की एक छोटी बचत योजना है जिसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत लॉन्च किया गया है। दरअसल यह योजना उन परिवारों को ध्यान में रखकर शुरू की गई जिनमें छोटी-छोटी बचत के जरिए बच्चे की शादी या उच्च शिक्षा के लिए रकम जमा करवाना चाहते हैं। जो लोग शेयर बाजार के जोखिम से दूर रहना चाहते हों उनके लिए यह योजना अच्छा विकल्प है।