जेएनयू छात्रों के संसद मार्च पर लाठीचार्ज, कई घायल
प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों ने साबरमती ढाबे से दोपहर 12 बजे के आसपास संसद मार्च की शुरुआत की।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों के संसद मार्च पर पुलिस ने सफजरजंग मकबरे के पास लाठीचार्ज किया जिसमें कई विद्यार्थी घायल हो गए। इससे पहले विश्वविद्यालय परिसर से सोमवार दोपहर 12 बजे के आसपास शुरू हुए मार्च को दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों ने रोकने की कोशिश की लेकिन बड़ी संख्या में पहुंचे विद्यार्थियों को परिसर में रोका नहीं जा सका।
विद्यार्थियों का यह मार्च छात्रावास शुल्क वृद्धि और शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ आयोजित किया गया था। उन्होंने हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे। विद्यार्थियों के प्रस्तावित संसद मार्च को देखते हुए परिसर के सभी द्वारों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी और भारी बल तैनात कर दिया गया था। सुबह नेल्सन मंडेला और बाबा गंगनाथ मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और इन दोनों मार्गों पर कई जगह बैरिकेडिंग की गई थी। इतना ही नहीं बाबा गंगनाथ मार्ग पर स्थिति केंद्रीय विद्यालय के पास वाटर कैनन भी तैनात किया गया था।
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प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों ने साबरमती ढाबे से दोपहर 12 बजे के आसपास संसद मार्च की शुरुआत की। विद्यार्थी विश्वविद्यालय के उत्तरी द्वार से बाहर जाना चाहते थे लेकिन द्वार के बाहर बैरिकेडिंग और भारी संख्या में जवानों की उपस्थिति थी। यहां पहुंचने पर विद्यार्थियों ने जेएनयू प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। धीरे-धीरे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी और वो बैरिकेडिंग को कूद कर बाहर जाने की कोशिश करने लगे। इस क्रम में पुलिस ने शुरुआती रूप से करीब 150 विद्यार्थियों को हिरासत में ले लिया जिनमें से अधिकतर छात्र नेता शामिल थे।
बाकी बचे विद्यार्थी आसपास की गलियों में छिपते छिपाते आउटर रिंग रोड तक आ गए औए समूह में शामिल होकर संसद की ओर मार्च करने लगे। इस बीच हिरासत में लिए गए विद्यार्थियों को फतेहपुर बेरी, दिल्ली कैंट, बदरपुर, कालकाजी, हौज खास और आइएनए थानों में रखा गया। मार्च कर रहे विद्यार्थी सवा तीन बजे तक जोर बाग मेट्रो स्टेशन तक पहुंच चुके थे। वहां पर मौजूद भारी पुलिस बल ने पहले विद्यार्थियों को आगे नहीं बढ़ने की चेतावनी दी लेकिन जब विद्यार्थियों ने चेतावनी को अनसुना किया तो पुलिस ने लाठीजार्च किया गया जिसमें कई विद्यार्थी घायल हो गए।
बाद में विद्यार्थियों ने अपनी मांगों के लिए वहीं धरना शुरू कर दिया। विद्यार्थियों ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपने संवैधानिक अधिकार के तहत अपने प्रतिनिधियों से मिलना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उनके अधिकार का हनन किया है। मार्च में शामिल विद्यार्थियों का कहना था कि हम सभी के लिए पूरे शुल्क की मांग कर रहे हैं और जब हमारी यह मांग नहीं मानी जाती है तब तक हम संघर्ष करते रहेंगे।
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