High Court Granted Relief: केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने बुधवार को लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल () को बड़ी राहत देते हुए उनको मिली सजा पर रोक लगा दी है। फैजल को राज्य के कवारथी सत्र न्यायालय (Kavarathi Sessions Court) ने हत्या का दोषी करार देते हुए 10 साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई थी। घटना 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद (P.M. Sayeed) के दामाद मोहम्मद सालेह (Mohammed Salih) पर हत्या की नियत से हमला किया था।
लोकतंत्र में राजनीति के अपराधीकरण पर कोर्ट ने जताई चिंता
न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने आदेश पारित करते हुए कहा कि राजनीति का अपराधीकरण हर लोकतंत्र की अनिवार्य आवश्यकता है। अदालत ने इस बात पर विचार किया कि निर्वाचित उम्मीदवार केवल एक सीमित अवधि के लिए जारी रह सकता है, जब नए सिरे से चुनाव कराया जाता है तो उसे दरकिनार नहीं किया जा सकता है। लक्षद्वीप प्रशासन की ओर से पक्ष रख रहे भारत के उप सॉलिसिटर जनरल (DSGI) मनु एस ने उच्च न्यायालय के आदेश की पुष्टि की।
सरकार की ओर से सजा निलंबन का विरोध किया गया
आदेश लक्षद्वीप की सत्र अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ फैजल और तीन अन्य की संयुक्त याचिका पर आया है। केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप ने दोषियों को सुनाई गई सजा को निलंबित करने का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें राहत देने से न्यायिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास डिगेगा। उसने यह भी कहा कि फैजल और उनके भाई ने जो अपराध किया है, उसने इस द्वीपीय क्षेत्र के समाज को स्तब्ध कर दिया है जहां बहुत कम अपराध होते हैं।
मामले में 37 आरोपी थे, लेकिन दो की मौत हो गई
फैजल के भाई एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। लक्षद्वीप प्रशासन ने कहा था कि इनकी रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा। मामले में 37 आरोपी थे। इनमें से दो की मौत हो गई और उनके खिलाफ मुकदमा बंद कर दिया गया था। बाकी 35 आरोपियों में से पूर्व सांसद और उनके भाई समेत चार लोगों को दोषी करार दिया गया तथा 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई, वहीं बाकी को बरी कर दिया गया। अब केंद्रशासित प्रदेश फैसले के खिलाफ आगे अपील करेगी।