Bihar Elections: बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Kurhani Bypolls) होना है। यहां से आरजेडी (RJD) विधायक अनिल साहनी (Anil Sahani) की एक मामले में विधानसभा की सदस्यता जाने के बाद फिर से चुनाव हो रहा है। साहनी से पहले यहां के विधायक भाजपा के थे। तब बीजेपी और जदयू ने साथ मिल कर चुनाव लड़ा था। इस उपचुनाव में जदयू (JDU) लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ है। आरजेडी ने यह सीट भी जदयू को दे दी है। चुनावी नतीजों को लेकर कुछ मतदाताओं के विचार और आंकलन सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो ‘बिहार तक’ (Bihar Tak) का भी शेयर हो रहा है। इसमें कुढ़नी के कुछ भूमिहार मतदाताओं की राय बताई गई है।
एक मतदाता कहते सुने जा सकते हैं कि अनिल साहनी से पहले भाजपा के जो विधायक थे वह पांच साल में एक बार केवल वोट मांगने उनके गांव आए थे, जबकि अनिल साहनी भी ढाई साल में एक ही बार आए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें काम करने वाला विधायक चाहिए, अब वह जमाना गया जब बीजेपी पर लोग मरते थे।
एक शख्स ने कहा, “इस बार माहौल काफी बदल गया है। पहले बीजेपी के जो विधायक थे केदार प्रसाद गुप्ता एक बार सिर्फ वोट मांगने आए थे, गांव में। फिर अनिल साहनी बने उन्होंने गांव की तरफ घूमकर भी नहीं देखा।” इस बार लोग यहां इतने आक्रोश में हैं कि वे निर्दलीय को भी वोट देने को तैयार हैं।
उन्होंने यह भी कहा, “हमने बीजेपी को वोट दिया था कि काम होगा। बीजेपी तो बहाना बनाकर किसी को भी खड़ा कर देती है कि ये मेरा कैंडिडेट है। जो बीजेपी पर लोग मरते थे वो जमाना अब नहीं है।”
ढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani Assembly Bypoll in Bihar) बीजेपी और जेडीयू से कौन है उम्मीदवार?
कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी ने फिर से केदार प्रसाद गुप्ता को उतारा है। वह पहले 2015 में इस सीट पर विधायक रह चुके हैं। उस समय जेडीयू प्रत्याशी रहे मनोज कुशवाहा को हराकर उन्होंने जीत हासिल की थी। वहीं, जेडीयू ने भी दोबारा मनोज कुशवाहा को मैदान में उतारा है। अब एक बार फिर से दोनों नेताओं के बीच मुकबला देखने को मिलेगा। बता दें कि इस सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होना है और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। नामांकन की आखिरी तारीख 17 नवंबर है।
क्यों हो रहा है कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani Assembly Bypoll in Bihar)
बता दें कि इस सीट पर आरजेडी नेता अनिल साहनी विधायक थे। एलटीसी घोटाले में उनका नाम सामने आने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी, जिसके चलते उपचुनाव हो रहा है। इस बार जेडीयू ने भी इस सीट पर अपना कैंडिडेट उतारा है। एनडीए के समय यह सीट बीजेपी को मिल गई थी। आरजेडी ने जेडीयू के कहने पर अपनी सीटिंग सीट छोड़ी है।