“वह मेरी शक्ल, मेरी खराब तबियत देख नहीं पाते, उनसे जज्बाती रिश्ता तो है ही” जेल से बाहर आने के बाद पहली बार सपा नेता आजम खान ने मुलायम सिंह को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुलायम सिंह के साथ अपने रिश्तों को लेकर भावुक होते हुए आजम ने कहा कि वह जेल आते तो मेरी हालत देख नहीं पाते। जेल में रहने के दौरान अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने आजम से मुलाकात नहीं की।
एबीपी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में आजम ने कहा, “वक्त नहीं मिला होगा, जाहिर है बड़े नेता हैं और बड़े आदमी भी हैं। मशरूफ भी हैं। असल में बहुत बुरी जेल थी। थर्ड ग्रेड कैदियों से भी नीचे के दर्जे का ट्रीटमेंट हुआ मेरे साथ। मुलायम ये सब देखते तो शायद उनको तकलीफ होती। मेरी तबियत मेरी शक्ल देखकर तकलीफ होती। जज्बाती रिश्ता तो रहा ही है, अभी भी है। हो सकता है उनके भी दिल और दिमाग में ये बात आई हो कि मुझ पर जो मुकदमे लगे उनमें से कोई मुकदमा सच तो नहीं।”
समाजवादी पार्टी छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कभी इस तरफ सोचा ही नहीं। ये सवाल ही मुनासिब नहीं है क्योंकि न चुनाव है, न नोमिनेशन है और ना ही कोई ऐस औहदा है जो कोई ऐसी हरकत करूं। इतना ही नहीं किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने संन्यास लेने तक की बात कह दी। उन्होंने कहा कि राजनीति इतनी जरूरी नहीं, जरूरत पड़ी तो संन्यास ले लेंगे। सपा छोड़ने न छोड़ने की बात ही नहीं।
उन्होंने कहा, “जब जेल में था तो सबसे ज्यादा ऊपर वाले मेरे मालिक ने मेरा साथ दिया और कानूनी रूप से कपिल सिब्बल मेरे साथ थे। उन्होंने मेरी बहुत दिल से मदद की।” कपिल सिब्बल समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सासंद बनने जा रहे हैं, इस पर भी आजम ने खुशी जाहिर की।
एंकर ने उनसे सवाल पूछा कि आपने कहा कि जीवन में एक लकीर खींच ली है, कभी किसी कश्ती की तरफ देखा नहीं पर अब लग रहा है कि सबके साथ दुआ-सलाम करते चलूं। इसका क्या मतलब है? इस पर उन्होंने कहा देखिए ये दुनिया एक तजुरबागाह है, यहां अलग-अलग तरह के तजुरबे होंगे। एक लाइन खींची हुई थी कि किसी से नहीं मिलना है, किसी से बात नहीं करनी है, लेकिन जिनकी वजह से ऐसा था उनके भी सब जगह मधुर संबंध हैं। तो मैंने सोचा कि जब मैं उनके ही साथ हूं तो उन जैसा बनूं। हालांकि मैं बहुत छोटा आदमी हूं।